मुम्बई 21 नवम्बर, 2008। 15 नवम्बर को मुम्बई काथलिक सभा द्वारा आयोजित सद्भावना रैली
में लाखों लोगों ने भाग लिया। इस रैली के द्वारा लोगों ने धार्मिक हिंसा बम विस्फोंटों
और आतंकवादी गतिविधियों के विरोध में शांति मार्च किये। इस अवसर पर प्रति धर्माध्यक्ष
बोस्को पेन्हा ने कार्डिनल ऑस्वाल्ड ग्रेशियस के संदेश को पढ़कर लोगों को सुनाया। कार्डिनल
ने लोगों से आह्वान किया है कि भारत एक महान् राष्ट्र हैं और यहाँ हिंसा का कोई स्थान
नहीं है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया है कि वे देश में शांति और सद्भावना के लिये
कार्य करें। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने पड़ोसियों को प्यार करते हैं तो ईश्वर हमारी
मदद करेगा। इस अवसर पर बोलते हुए धर्माध्यक्ष पेन्हा ने लोगों से कहा कि हम सभी एक
ही ईश्वर की संतान हैं और हमारा दायित्व है कि हम इस दुनिया से हिंसा और घृणा को दूर
हटाने के लिये कार्य करें हम एकता के लिये कार्य करें औऱ तब ही हम शांतिमय देश की कामना
कर सकते हैं। इस अवसर पर बोलते हुए धर्माध्यक्ष पेरसीभल फर्नांडेज ने कहा कि भारत
को सबसे डर आज बड़ा खतरा आज उन शक्तियों से है जो हिंसा पर विश्वास करते हैं। भारतवीसियों
को चाहिये के वे सद्भावना न्याय और आपसी प्रेम के लिये प्रार्थना करें। इस अवसर पर
बोलते हुए हिन्दु मुसलिम सिक्ख बौद्ध के अलावा कई अन्य सामाजिक संगठनों के लोगों ने भाग
लिया। धार्मिक नेताओं ने इस बात पर बल दिया कि लोग अपने अपने स्तर से शांति के प्रचारक
बने और कहा कि किसी भी धर्म में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी
भी धर्म के सदस्यों पर धर्म के नाम पर हिंसा किये जाने को मानवता पर हिंसा माना जाना
चाहिये.