2008-11-20 12:24:13

वाटिकन सिटीः "मठ ईश्वर की दैवीय उपस्थिति के पावन स्थल बनें", सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें


रोम में इस समय समर्पित जीवन सम्बन्धी परमधर्मपीठीय धर्मसंघ की पूर्णकालिक सभा जारी है। सभा में भाग ले रहे प्रतिभागियों ने धर्मसंघ के अध्यक्ष कार्डिनल फ्रेंक रोड के नेतृत्व में गुरुवार को वाटिकन में सन्त पापा बेनेडिक्ट का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना।

पूर्णकालिक सभा के दौरान "मठवासी जीवन विषय" पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया। इस सन्दर्भ में सन्त पापा ने कहा कि समर्पित जीवन यापन करनेवाले ईश प्रजा का खास भाग हैं जो निष्ठापूर्वक दैवीय बुलाहट को प्रत्युत्तर देते तथा ईश्वर की खोज हेतु ईश प्रजा का मार्गदर्शन करते हैं। उन्होंने कहा कि जिन मठों में समर्पित व्यक्ति जीवन यापन करते हैं उन्हें ऐसे स्थल बनना चाहिये जहाँ निरन्तर ईश्वर की महिमा का बखान किया जाता तथा उनकी रहस्यमय उपस्थिति का समारोह मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि इन मठों में रहनेवालों के लिये यह अनिवार्य है कि वे ख्रीस्त द्वारा दिये प्रेम के नये आदेश का वरण अपने जीवन में करें क्योंकि ऐसा कर ही मठवासी अन्य धर्मसंघों में जीवन यापन करनेवाले समर्पित लोगों के लिये प्रेरणा के स्रोत बन सकते हैं।

सन्त पापा ने स्मरण दिलाया कि जो व्यक्ति मठवासी जीवन का चयन करता है वह उस आध्यत्मिक मरूद्यान की खोज करता जहाँ, भ्रातृत्व प्रेम में, येसु के यथार्थ शिष्यों के सदृश जीवन यापन किया जाता तथा अजनबियों को भी ख्रीस्त का रूप मानकर आतिथ्य प्रदान किया जाता है। उन्होंने कहा कि कलीसिया मठवासियों से इसी प्रकार के प्रेम एवं एकात्मता के साक्ष्य की आशा रखती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि समर्पित जीवन और, विशेष रूप से, मठवासी जीवन का चयन करने वाले सभी व्यक्ति सुसमाचारी मूल्यों को आत्मसात कर विश्व के समक्ष ख्रीस्त का साक्ष्य प्रस्तुत कर सकेंगे ताकि प्रेम पर आधारित, न्याय एवं शांति से सम्पन्न, विश्व की रचना की जा सके।









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