जापान के 188 शहीदों के लिये धन्य घोषणा समारोह 24 नवम्बर को
नागासाकी, 19 नवम्बर, 2008। जापान के काथलिकों में 188 शहीदों के धन्य घोषणा समारोह
को लेकर अपार उत्साह देखा जा रहा है।
24 नवम्बर को होने वाले धन्य घोषणा समारोह
में टोकियो के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल पीटर सलीची सिरायानाजी यूखरिस्तीय समारोह की अध्यक्षता
करेंगे।
इस अवसर पर संत बनाये जाने की प्रक्रिया के पूर्व अध्यक्ष कार्डिनल
जोसे सराइभा मार्टिनस समारोह में संत पापा के विशेष प्रतिनिधि होंगे।
समारोह
के बारे में जानकारी देते हुए समन्यव समिति के अध्यक्ष ने कैथोलिक वीकली को बताया है
कि वे चाहते हैं कि इस समारोह में लोगों की पूरी सहभागिता हो। इसके लिये पूरे धर्मप्रांत
में लोगों को तैयार किया जा रहा है।
तैयारी के रूप में पल्लियों में प्रार्थना
सभाओं का आयोजन किया गया है । साथ ही मेल-मिलाप संस्कारों का आयोजन किया गया है।
इसके
साथ समिति ने इस बात पर ध्यान दिया है कि लोगों को 17वीं शताब्दी के शहीदों की जीवनी
के बारे में बताया जा रहा है।
आयोजन समिति के अध्यक्ष ने बताया कि शहीदों को
याद करते समय हमें गर्व होना चाहिये कि उन शहीदों ने येसु के लिये अपने प्राण दे दिये
हैं।
उन्होंने कहा कि धन्य घोषणा समारोह न केवल एक दिवसीय समारोह हो पर इससे
लोगों को यह सीख मिले कि उन्हें भी येसु के लिये दुःख उठाना है और अपने जीवन को अर्थपूर्ण
बनाना है।
ज्ञात हो कि जापान को संत फ्रांसिस जेवियर ने 16वीं शताब्दी में धर्म
का प्रचार किया था।
इस नयी कलीसिया को लोगों ने सताया और कई लोग शहीद हो गये।
जिन 188 शहीदों को धन्य घोषित किया जायेगा उसकी प्रक्रिया सन् 1984 ईस्वी में शुऱु हुई
जब संत पापा जोन पौल द्वितीय जापान की प्रेरितिक यात्रा 80 के दशक में की थी इनमें चार
पुरोहित और कई बच्चों सहित अधिकतर शहीद लोकधर्मी थे।
जापान के धर्माध्यक्षों
ने लोगों से आह्वान किया है कि वे अपने विश्वास में मजबूत हों और येसु के प्यार को लोगों
में बाँटे।
जापान में ईसाइयों की संख्या वहाँ की आबादी की 1 प्रतिशत से भी कम
है।