2008-11-20 20:38:30

आतंकवाद को किसी धर्म विशेष के साथ जोड़ना उचित नहीं


नयी दिल्ली, 20 नवम्बर, 2008। नवभारत की काथलिक कलीसिया ने कहा है कि वे आतंकवाद को किसी धर्म विशेष के साथ नहीं जोड़ना चाहते हैं।

उकान समाचार सूत्रों के अनुसार हाल में महाराष्ट्र में हुए आठ हिन्दुओं जिसमें दो स्वघोषित हिंदुधर्मगुरुओं और दो सेना के अधिकारियों के संदर्भ में कहा है कि वे धर्म और आतंक को एक साथ जोड़ कर नहीं चलते हैं ।

स्थानीय समाचार पत्रों ने दावा किया है कि भारत में भी हिंदु आतंकवादी हैं और वे सेना के विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं।

ज्ञात हो कि 23 अक्तूबर और 12 नवम्बर को महाराष्ट्र के मालेगाँव में मुस्लिम क्षेत्रों में जो बम हमले हुए थे उस सिलसिले में पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है।

यह भी ज्ञात हो कि इन बम हमलों में जिन्हें पकड़ा गया है उसमें तीने हिन्दु कार्यकर्त्ता भी शामिल हैं।

चर्च ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि जौभि कि इन व्यक्तियों के हिन्दु अतिवादी संगठनों जैसे विश्व हिन्दु परिषद् और अभिनव भारती जैसे संगठनों से जुड़े हुए हैं फिर भी धर्म और आतंकवादियों को एक साथ जोड़कर देखना उचित नहीं है।

जो लोग आतंकवादी है उनका कोई धर्म नहीं होता हैं । वे अधर्मी होते हैं।

इस संबंध में बोलते हुए जेस्विट फादर थोमस कुनुकल ने कहा है कि कुछ आतंकवादी घटनाओं के कारण पूरे धर्म के अनुयायियों को आतंकवाद करार देना जल्दबाजी में दिया गया बयान होगा।

उन्होंने कहा कि यह बात सच है कि हिन्दुओं का एक झुकाव रहा है कि संवेदनशील मुद्दों की राजनीतिकरण कर राजनीतिक लाभ प्राप्त करना चाहते हैं।

गोविन्दाचार्य ने कहा है कि हिन्दु धर्म एक शांतिप्रिय धर्म है पर दूसरे धर्मों के भड़काने के कारण यह आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हुआ है।








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