देश की प्रथम महिला संत अल्फोंसा के सम्मान में एक डाक टिकट जारी किया
नयी दिल्ली, 18 नवम्बर, 2008। भारत सरकार ने भारत की प्रथम महिला संत अल्फोंसा के सम्मान
में एक डाक टिकट जारी किया है इस पाँच रुपये वाली टिकट को 16 नवम्बर को दिल्ली जारी
किया गया।इस समारोह में करीब 7 हज़ार लोगों ने हिस्सा लिया। डाक टिकट को जारी करते
हुए डाक विभाग के दिल्ली शाखा के जेनरल पी.के. गोपीनाथ ने इस लोगों के उलब्ध कराते हुए
सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश सिरियक जोसेफ को दिया। गोपीनाथ ने कहा कि यह डाक विभाग
के लिये बड़े गौरव की बात है कि उन्हें भारत की प्रथम महिला संत के नाम को सम्मान देने
का अवसर प्राप्त हो रहा है। इस डाक टिकट में फ्रांसिस्कन क्लारिस सिस्टर को अपने
धर्म समाज की वर्दी में दिखलाया गया है और इसके साथ ही रोम में अवस्थित संत पेत्रुस के
महागिरजाघर और उसके प्रांगण का चित्र है। ज्ञात हो कि 12 अक्तूबर को संत पापा बेनेदिक्त
सोलहवें ने केरल निवासी अल्फोंसा को एक भव्य समारोह में भारत की प्रथम महिला संत होने
का गौरव प्रदान किया था। सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश सिरियक जोसेफ ने कहा कि कलीसिया
के नाम पर संत अल्फोंसा के नाम जारी टिकट को पाना बड़े ही सम्मान की बात है। उन्होंने
इस बात को भी दुहराया कि एक सिस्टर को सम्मान देकर भारत सरकार यही बताना चाहती है कि
संविधान में वर्णित धर्मनिर्पेक्षता के प्रति सरकार समर्पित है। उन्होंने यह भी आशा
व्यक्त की है कि जिस प्रकार संत अल्फोंसा ने दुःख को खुशी से झेल कर ईश्वर की सेवा की
उसी प्रकार दुनिया के लोग भी अपने दुःखों सहर्ष ग्रहण करेंगे और इसे अभिशाप नहीं वरन्
एक ईश्वरीय रहस्य के रूप में ले पायेंगे। 16 नवम्बर को दिल्ली मे सम्पन्न समारोह में
11 वर्षीय जिनी जोसेफ नाम की एक बच्ची भी थी जिसका पैर वचपन से ही टेढ़ा था पर संत अल्फोंसा
की मध्यस्थता से चंगी हो गयी।