2008-11-15 14:00:15

लकवाग्रस्त बेटे के लिये प्रार्थना के लिये गये चंद्रशेखर पर धर्मातरण का आरोप


बंगलोरः14 नवम्बर, 2008। अखिल भारतीय ईसाई परिषद् के अनुसार 12 नबम्बर बुधवार की रात पुलिस ने बंगलोर में तीन व्यक्तियों को धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। समाचार के अऩुसार ने ईसाई नेताओं उनकी रिहाई के प्रयास कर रहे हैं।

बताया गया कि जीवनाहली क्षेत्र में चंद्रशेखर और दो अन्य महिलायें कमलम्मा और संध्या को चंद्रशेखर की बहन ने प्रार्थना के लिये अपने घर में बुलाया था ताकि वे लकवाग्रस्त बेटे के लिये प्रार्थना करें।

घटना के अनुसार जब वे तीन व्यक्ति रात्रि के करीब 12 बजे प्रार्थना सभा समाप्त करके घर से बाहर निकले तो बजरंग दल के करीब 15 कार्यकर्ताओं ने उनपर आक्रमण किया और चंद्रशेखर को पीटकर घायल कर दिया।

बाद में स्थानीय श्री गौडा ने फ्रेजर टाउन पुलिस थाने में एक रिपोर्ट दर्ज की और उन्हें जेल भेज दिया गया। इसमें आरोप लगाया गया है कि इन तीनों ने धर्मपरिवर्तन करने का प्रयास किया।

इस बीच चंद्रशेखर की बहन ने इस आरोप का खंडन किया है कि उसे धर्म परिवर्त्तन के लिये बहकाया जा गया। उनका आरोप आधारहीन है। अखिल भारतीय ईसाई

परिषद् के जन संपर्क अधिकारी सैम पौल ने कहा है कि इस प्रकार के झूठे आरोप लगाये जाने की इस प्रकार की पहली घटना नहीं है।

चन्द्रशेखर और उसकी बहन निर्दोष हैं। लकवा की बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के लिये प्रार्थना करने की घटना को हिन्दुत्व ताकतों ने धर्मपरिवर्त्तन का झूठा आऱोप लगाये है।

संसद सदस्य एच. टी. सांगलियाना ने पुलिस को निर्देश दिया है कि इस संबंध में बारीकी से छान-बीन किया जाये








All the contents on this site are copyrighted ©.