वाटिकन सिटीः स्टेम सेल सम्बन्धी नीति में परिवर्तन न करने हेतु ओबामा से वाटिकन का आग्रह
वाटिकन ने अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बराक ओबामा से आग्रह किया है कि वे स्टेम
सेल सम्बन्धी वर्तमान नीति में कोई परिवर्तन न करें। वाटिकन का कहना है कि स्टेम सेल
अनुसन्धान के अंतर्गत मानव भ्रूणों को नष्ट किया जाता रहा है किन्तु इससे अब तक किसी
का उपचार नहीं हुआ है।
13 से 15 नवम्बर तक वाटिकन में बाल रोगों के उपचार पर
एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन होने जा रहा है। प्रेस के समक्ष इस सम्मेलन की प्रस्तावना
करते हुए सोमवार को स्वास्थ्य सम्बन्धी सेवा में संलग्न कार्यकर्त्ताओं की प्रेरिताई
हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल हावियर लोज़ानो बारागान ने स्पष्ट
किया कि भ्रूणीय स्टेम सेल अनुसंधान सम्बन्धी अमरीकी नीति में परिवर्तन की किसी भी कोशिश
का वे विरोध करेंगे। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि काथलिक कलीसिया अनुसन्धान के लिये
भ्रूणों के उपयोग का विरोध करती है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने
स्टेम सेल अनुसन्धान के लिये केन्द्रीय खर्चे को सीमित करते हुए सरकारी आदेश जारी किये
हैं जबकि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ओबामा इस प्रतिबन्ध में ढील देने का समर्थन करते हैं।
ओबामा के पारगमन प्रभारी जॉन पोदेस्ता ने रविवार को इस बात के संकेत दिये थे कि राष्ट्रपति
ओबामा बुश द्वारा जारी भ्रूणीय स्टेम सेल अनुसंधान सम्बन्धी आदेशों को उलट सकते हैं।
कार्डिनल बारागान ने स्मरण दिलाया कि जैवनैतिकी का आधारभूत सिद्धांत यह है कि
जो कुछ मनुष्य का निर्माण करता है वह भला है जबकि जो कुछ मनुष्य का विनाश करता है वह
बुरा है। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति को बचाने के लिये दूसरे व्यक्ति की हत्या नहीं
की जा सकती। इसके अतिरिक्त कार्डिनल महोदय ने स्मरण दिलाया कि, मानव भ्रूण को छोड़कर,
स्टेम सेल्स नाभिनाड़ी या अन्य अंगों से भी पाये जा सकते हैं।