अंग दान के संबंध में व्यक्ति से पूर्व स्वीकृति आवश्यक - पोप
संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने अंग प्रत्यरोपन संबंधी मामले में चल रही अंतरराष्ट्रीय
काँग्रेस को याद दिलाया है कि इस बात का ध्यान दिया जाये कि जब हम किसी व्यक्ति के अंग
को निकालते हैं तो इस बात को ध्यान देना आवश्यक की डॉक्टरों के अनुसार उस व्यक्ति की
मृत्यु हो गयी है।
संत पापा 7 नवम्बर शुक्रवार को वाटिकन में अंग प्रत्यरोपन
संबंधी मामले में चल रहे समारोह को संबोधित कर रहे थे।
संत पापा ने इस संबंध
में आगे बोलते हुए कहा कि अंग दान के संबंध में इस बात का ख़्याल रखा जाना चाहिये कि
इसके लिये व्यक्ति से पूर्व स्वीकृति ली गयी हो।
अंग प्रत्यरोपन संबंधी सेमिनार
शनिवार तक चलेगी। इस सेमिनार का आयोजन परमधर्मपीठीय समिति के जीवन संबंधी अकाडेमी ने
किया है जिसमें इंटरनैशऩल फेडेरेशन ऑफ कैथोलिक मेडिकल एसोसिशन औऱ इटालियन नैशनल ट्रांसप्लांट
सेंटर भाग ले रहे हैं।
संत पापा ने कहा कि जिस व्यक्ति का अंग निकाला जा रहा है
उसकी अनुमति और सहमति आवश्यक है तब ही यह एक दान बनेगा।
इस अवसर पर संत पापा ने
इस बात पर भी विचार किया कि किसी व्यक्ति को मृत घोषित किये जाने के लिये क्या-क्या मापदंड
हैं।
संत पापा ने आगे कहा कि आज विज्ञान ने इतनी प्रगति की है कि यह ठीक से पता
लगाया जा सकता है कि मनुष्य को कब मृत घोषित किया जाना चाहिये।
इसलिये जब तक यह
पूर्ण रूप से निश्चित न हो जाये कि व्यक्ति की मृत्यु हो गयी है हमें चाहिये कि हम इस
संबंध में सावाधानी बरतें।
काथलिक धर्मशिक्षा की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करते
हुए पोप ने कहा कि हर हालत में जीवन का सम्मान किया जाना हमारे लिये मुख्य बात है।