काथलिक-मुसलमान फोरम के प्रतिभागियों को संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें का संदेश
अंतर धार्मिक वार्ता संबंधी परमधर्मपीठीय परिषद् के तत्वाधान में आयोजित तीन दिवसीय गोष्ठी
में भाग ले रहे काथलिक-मुसलमान फोरम के प्रतिभागियों को वाटिकन में गुरूवार को सम्बोधित
करते हुए संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कहा वे हर्षित हैं कि ईश्वर की पूर्ण आराधना करने
की जरूरत तथा भाई बहनों को निःस्वार्थ प्रेम करना विशेष कर जो जरूरतमंद और कठिन स्थिति
में हैं इस सामान्य आधार को इस गोष्ठी में स्वीकार किया गया। ईश्वर भूख, निर्धनता, अन्याय
और हिंसा के शिकार हुए लोगों की ओर से हमें एक साथ कार्य़ करने का आह्वान करते हैं। संत
पापा ने कहा कि ईश्वर से वरदान रूप में प्राप्त जीवन का सम्मान करना ही ऐसे भ्रातृत्वमय
विश्व की रचना करने में सामान्य आधार होनी चाहिए जहाँ विनाशक विचारधारा को निष्प्रभावी
किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राजनैतिक और धार्मिक नेताओं का कर्तव्य है कि प्रत्येक
व्यक्ति के लिए अंतःकरण और धार्मिक स्वतंत्रता को सुनिश्चित करें। धर्म के नाम पर किये
जानेवाले अत्याचार अस्वीकार्य हैं। शांति, सहदयता, भाईचारा, न्याय और प्रेम ही ईश्वर
का दूसरा नाम हो सकता है। उन्होंने कहा कि मानवशास्त्रीय और ईशशास्त्रीय भिन्नताओं के
बावजूद ख्रीस्तीयों और मुसलमानों का आह्वान किया जाता है कि वे मानव की प्रतिष्ठा तथा
मानवाधिकारों की रक्षा और प्रसार के लिए मिलकर कार्य़ करें। संत पापा ने कहा कि अतीत के
पूर्वाग्रहों पर विजय पाने में और शांति संदेश के प्रसार में विफल रहने से यह अंतरधार्मिक
वार्ता और अंततः धर्म की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता को ही कम करती है।