भारतः उड़ीसा के काथलिक धर्माध्यक्षों ने काथलिकों को एक प्रेरितिक पत्र लिखकर उनसे आग्रह
किया कि वे आशा का परित्याग न करें
उड़ीसा के काथलिक धर्माध्यक्षों ने राज्य के काथलिकों को एक प्रेरितिक पत्र लिखकर उनसे
आग्रह किया है कि उत्पीड़न के बावजूद वे आशा का परित्याग न करें। धर्माध्यक्षों का प्रेरितिक
पत्र इस रविवार को उड़ीसा के सभी काथलिक गिरजाघरों में पढ़ा गया।
इस पत्र के
विषय में एशिया समाचार से कटक भूबनेश्वर के काथलिक महाधर्माध्यक्ष राफायल चीनत ने कहा
कि हिन्दु अति वादियों की हिंसा एवं बर्बर आक्रमणों से स्तब्ध उड़ीसा के काथलिकों में
साहस एवं आशा का संचार करना उन्होंने आवश्यक समझा। महाधर्माध्यक्ष ने बताया कि उक्त पत्र
में ख्रीस्तीय धर्म के आरम्भिक इतिहास की कठिनाईयों एवं शहादतों का स्मरण दिलाया गया
ताकि वर्तमान काथलिक अपनी आशा न खोयें बल्कि अपने विश्वास में और अधिक मज़बूत बने।
पत्र
में धर्माध्यक्षों ने काथलिक धर्मानुयायियों के दृढ़ विश्वास की सराहना की और कहा कि
हिन्दु अतिवादियों का आतंक एवं धमकियाँ ख्रीस्त में उनके विश्वास को डाँवाडोल नहीं कर
सकी। उन्होंने कहा कि उत्पीड़न और अत्याचार के बावजूद विश्वास पर अटल रहनेवालों पर उन्हें
गर्व है। स्मरण रहे कि 23 अगस्त को एक हिन्दु अतिवादी नेता की हत्या के बाद लगातार
दो माहों तक हिन्दु चरमपंथी उड़ीसा एवं अन्य कुछेक राज्यों में ख्रीस्तीयों के विरुद्ध
हिंसा और आतंक मचाते रहे। इस हिंसा में साठ से अधिक लोगों की हत्याएँ की गई, लगभग 180
गिरजाघर ध्वस्त कर दिये गये, हज़ारों ख्रीस्तीय आवासों, कॉन्वेन्टों एवं समाज कल्याण
केन्द्रों को आग के हवाले कर दिया गया तथा पचास हज़ार से अधिक ख्रीस्तीय सरकारी शरणार्थी
शिविरों में शरण लेने के लिये बाध्य हुए।