वाटिकन सिटीः विश्वधर्माध्यक्षीय धर्मसभा सन्देश में ख्रीस्तीय गरिमा एवं ख्रीस्तीय गतिकता
की झलक
रोम में पाँच से 26 अक्तूबर तक जारी विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा का सन्देश ख्रीस्तीय
गरिमा एवं ख्रीस्तीय गतिकता से परिपूर्ण है। वाटिकन के समाचार पत्र लोस्सरवातोरे रोमानो
ने सन्देश के प्रारूप पर टीका करते हुए प्रकाशित किया कि सन्देश में ख्रीस्तीय गतिकता
एवं ख्रीस्तीय होने का गौरव साफ झलकता है।
26 अक्टूबर को विश्वधर्माध्यक्षीय
धर्मसभा के समापन पर बाईबिल आचार्य महाधर्माध्यक्ष जान फ्राँको रावासी द्वारा लिपिबद्ध
उक्त सन्देश की घोषणा की जायेगी जिसे द्वितीय वाटिकन महासभा के बाद प्रकाशित विश्वधर्माध्यक्षीय
सन्देशों में सर्वाधिक सुन्दर एवं प्रभावशाली बताया जा रहा है।
जहाँ तक सन्देश
के प्रारूप का सवाल है यह चार भागों में विभक्त हैः शब्द की आवाज़ यानि प्रकाशना ग्रन्थ;
शब्द का मुखमण्डलः येसु ख्रीस्त; शब्द का धाम या घरः कलीसिया और शब्द का मार्ग यानि मिशन।
विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के दौरान विभिन्न देशों के काथलिक धर्माचार्यों
द्वारा दिये गये सुझावों को भी उक्त सन्देश में सम्मिलित किया गया है।