2008-10-15 14:20:19

बुधवारीय - आमदर्शन समारोह के अवसर पर
संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें का संदेश


बुधवारीय आमदर्शन समारोह में संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में एकत्रित हजारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया। उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहा -

प्रिय भाइयो एवं बहनों, आज की धर्मशिक्षा में हम पुनः संत पौल के जीवन पर विचार करते हुए हम कलीसिया के संबंध में उसकी शिक्षा पर मनन ध्यान करें। अपने मन परिवर्तन के पहले संत पौल ने कलीसया को बहुत सताया। बाद मे अपने मन परिवर्तन के बाद दुनिया को यह बताने लगा कि येसु मसीह और उसका सुसमाचार पर ही कलीसिया टिकी हुई है।

संत पौल की पूरी शिक्षा का आधार ही यही रहा कि प्रभु येसु मसीह हमारे लिये मारे गये, दफनाये गये और तीसरे दिन महिमा के साथ जी उठे। इस बात का प्रचार के पीछे संत पौल की बस यही इच्छा थी कि वे उन लोगों को जमा करें जो येसु पर विश्वास करते हैं और पवित्र आत्मा की इच्छा के अनुसार जीवन जीना चाहते हैं।


संत पौल के अऩुसार कलीसिया येसु का शरीर है जो जीवित है और इसमें कार्य करनेवाले भक्त इसे सदा अपने विश्वास और प्रेम से जीवित रखते हैं।

येसु के जीवन और कलीसियाई जीवन को बहुत ही बारीकी से समझाते हुए संत पौल आज हमें आमंत्रित रहे हैं कि हम भी पुनर्जीवित येसु पर विश्वास करें कलीसियाई जीवन को ठीक से समझें और इसे प्यार करें और इसे मजबूत करने के लिये अपने आपको समर्पित करें।

इतना कहकर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया। उन्होंने इंगलैंड, स्कोटलैंड, औऱ फिलीपीन्स के तीर्थयात्रियों और उपस्थित भक्तों पर प्रभु की कृपा और शांति की कामना की और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।









All the contents on this site are copyrighted ©.