वाटिकन सिटीः हिंसा की समाप्ति के लिये अन्तरधार्मिक वार्ता अनिवार्य कहना वाटिकन के
प्रेस निदेशक फादर लोमबारदी का
वाटिकन के प्रेस निदेशक फादर फेदरीको लोमबारदी का कहना है कि विभिन्न धर्मों के लोगों
के बीच मैत्री एवं सौहार्द्र की स्थापना के लिये अन्तरधार्मिक वार्ता अनिवार्य है।
वाटिकन
टेलेविज़न के साप्ताहिक "ओक्तावा दियेज़" कार्यक्रम को दी एक भेंटवार्ता में उन्होंने
कहा कि भारत के उड़ीसा तथा अन्य राज्यों में ख्रीस्तीयों के विरुद्ध ढाई गई हिंसा इस
बात का प्रमाण है कि विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच वार्ताओं की नितान्त आवश्यकता है।
फादर लोमबारदी ने कहा कि भारत के काथलिक धर्माध्यक्ष देश और विदेशों से भी इस
बिन्दु पर पर्याप्त बोल चुके हैं तथा यूरोपीय संगठन ने भारतीय सरकार से निश्चित्त सवाल
किये हैं। उन्होंने ककहा कि भले ही देर से किन्तु अब ऐसा प्रतीत होता है कि ख्रीस्तीयों
के विरुद्ध हिंसा को समाप्त करने के लिये कुछ किया जा रहा है।
फादर लोमबारदी
ने कहा कि स्वयं भारत के प्रधान मंत्री मन मोहन सिंह ने ख्रीस्तीयों के विरुद्ध जारी
हिंसा को देश के लिये लज्जाजनक बताया है क्योंकि आरम्भ ही से भारत अहिंसा, सहिष्णुता
एवं सर्वधर्मसम्भाव का महान देश माना जाता रहा है।
इस सन्दर्भ में फादर लोमबारदी
ने कहा कि रविवार को रोम में सम्पन्न सि. आलफोन्सा की सन्त घोषणा विश्वव्यापी कलीसिया
के सदस्यों के लिये भारत के ख्रीस्तीयों के प्रति एकात्मता दर्शाने एवं उनके लिये प्रार्थना
करने का स्वर्णिम अवसर है। दूसरी ओर, उन्होंने कहा कि इस तथ्य के प्रति सचेत रहने की
आवश्यकता है कि विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में चरमपंथ एवं अतिवाद ख़तरनाक रूप से क्रियाशील
है जिसका सामना केवल धर्मों के बीच वार्ता से किया जा सकता है।