महाधर्माध्यक्ष मेनामपरम्बिल ने क्षमा में निहित सुसमाचार प्रचार की शक्ति को रेखांकित
किया
भारत में असम राज्य स्थित गुवाहाटी के महाधर्माध्यक्ष थोमस मेनाम्परम्बिल ने कहा कि भारत
में ईसाईयों पर हमले और अत्याचार का प्रत्युत्तर ईसाई समुदाय का धैर्य, विवेक, संतुलित
जवाब और क्षमा है जिसमें सुसमाचार प्रचार की ताकत है। वाटिकन में सम्पन्न हो रहे 12 वें
विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा को सोमवार को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एशिया में
अनेक देश हैं जहाँ ख्रीस्तीय विश्वासी गहन दबाव में जीवन जी रहे हैं, उनकी स्वतंत्रता
सीमित है, ख्रीस्तीय धर्म स्वीकार करनेवाले नये सदस्यों का उत्पीड़न और विश्वासी समुदाय
अत्याचार का शिकार होता है जैसा कि हाल में उड़ीसा में हुआ है। उन्होंने कहा कि कठिनाइयों
के बावजूद येसु की शिक्षा जो प्राप्त हुई है वह लोगों के साथ साक्षात्कार में उन्हें
बतायी जाती है। आज एशिया में मौन लेकिन प्रभावी रूप से यही हो रहा है। उन्होंने कहा कि
हम उन निष्ठावान विश्वासियों के प्रति कृतज्ञ हैं जो संघर्ष की परिस्थिति में भी शांति
का सन्देश ले जाते हैं।