वाटिकन सिटीः विश्व शरणार्थी एवं आप्रवासी दिवस 2009 के लिये सन्त पापा बेनेडिक्ट 16
वें का सन्देश प्रकाशित
वाटिकन ने बुधवार को विश्व शरणार्थी एवं आप्रवासी दिवस 2009 के लिये सन्त पापा बेनेडिक्ट
16 वें के सन्देश प्रकाशना कर दी। इस वर्ष उक्त दिवस का विषय हैः "आप्रवासी सन्त पौल,
लोगों के प्रेरित"।
सन्देश में सन्त पापा कहते हैं कि विभिन्न संस्कृतियों को
लोगों के बीच सन्त पौल का सुसमाचार प्रचार तथा मध्यस्थता के कार्य, वास्तव में, वर्तमानकालिक
आप्रवास स्थिति का सामना कर रहे लोगों के लिये एक अर्थपूर्ण सन्दर्भ है। सन्त पापा ने
कहा कि सन्त पौल का जीवन एवं मिशन सबको येसु के प्रेम के प्रति अभिमुख करना था क्योंकि
येसु में ही सब जाति के लोग एकता में सूत्रबद्ध प्रजा बनने के लिये बुलाये गये हैं।
सन्त
पापा ने कहा कि आज, वैश्वीकरण के युग में भी, कलीसिया एवं हर बपतिस्मा प्राप्त व्यक्ति
का मिशन यही है। सभी शरणार्थियों एवं सब प्रकार के आप्रवासियों के प्रति एकात्मता दर्शाना
तथा राष्ट्र, जाति एवं धर्म का भेदभाव किये बिना उनकी ज़रूरतों की पूर्ति का प्रयास करना।
उन्होंने कहा कि आज भी, विविध सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते
हुए सन्त पौल के सदृश ही लोगों में मुक्ति के सन्देश की प्रस्तावना आवश्यक है।
सन्देश
के अन्त में सन्त पापा ने मंगल कामना व्यक्त की कि आगामी 18 जनवरी को मनाया जानेवाला
विश्व शरणार्थी एवं आप्रवासी दिवस 2009 सबके लिये, बिना किसी भेदभाव के, भ्रातृप्रेम
में जीवन यापन करने तथा इस विश्वास के साथ जीने का अवसर सिद्ध हो कि हर ज़रूरतमन्द हमारा
पड़ोसी है जिसकी मदद करना हमारा धर्म है।
सन्त पापा ने आशा व्यक्त की कि विभिन्न
जातियों एवं संस्कृतियों के मध्य सुसमाचारी प्रेम का प्रसार करनेवाले आप्रवासी प्रेरित
सन्त पौल का उदाहरण सभी ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों को यह समझने का विवेक प्रदान करे कि
उदारता ही ख्रीस्तीय जीवन का सार है।