न्यू यॉर्कः निरस्त्रीकरण, शांति और विकास के पक्ष में नवीकृत प्रयासों हेतु महाधर्माध्यक्ष
मिलियोरे का आव्हान
न्यूयॉर्क में जारी संयुक्त राष्ट्र संघीय आमसभा के 63 वें सत्र में परमधर्मपीठ के स्थायी
पर्यवेक्षक एवं प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष चेलेस्तीनो मिलियोरे ने बुधबार को निरस्त्रीकरण,
शांति और विकास के पक्ष में नवीकृत प्रयासों का आव्हान किया।
महाधर्माध्यक्ष
मिलियोरे ने स्मरण दिलाया कि अब से दो माहों बाद विश्व मानवाधिकार सम्बन्धी सार्वभौम
घोषणा पत्र की 60 वीं जयन्ती मनाने जा रहा है। उन्होंने ने कहा कि यह घटना निरस्त्रीकरण,
शांति और विकास के पक्ष में नवीकृत समर्पण की मांग करती है। उन्होंने कहा कि सभी देश
निरस्त्रीकरण तथा शस्त्रों के अप्रसार को प्रोत्साहन देने के लिये आंमत्रित किये जाते
हैं क्योंकि सिर्फ ऐसा कर ही उस अन्तरराष्ट्रीय निकाय का निर्माण हो सकता है जिसमें प्रत्येक
व्यक्ति के मूलभूत अधिकारों का समामान हो तथा उसकी स्वतंत्रता की रक्षा की जा सके।
इस
बात की ओर उन्होंने ध्यान आकर्षित कराया कि इस समय शांति एवं सुरक्षा, आतंकवाद और, इससे
भी अधिक, व्यापक हिंसा, मानवाधिकारों के उल्लंघन एवं अल्प विकास के कारण ख़तरे में पड़ी
है। उन्होंने कहा कि चूँकि मानव व्यक्ति समस्त सार्वजनिक नीतियों का केन्द्र है शस्त्र
नियमन, निरस्त्रीकरण और शस्त्र अप्रसार की नीतियों को मानव के अनुकूल होना चाहिये। महाधर्माध्यक्ष
ने कहा कि अस्त्रों के सामाजिक, आर्थिक, मनोवैज्ञानिक एवं नैतिक प्रभाव की अवहेलना करने
से निरस्त्रीकरण एवं शस्त्र अप्रसार की नीतियाँ विभिन्न देशों के बीच शस्त्र सम्विदाओं
का खेल बन कर रह जायेंगी।
इस सन्दर्भ में, महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि परमधर्मपीठ
अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का आव्हान करती है कि वह मानव जाति की उत्तरजीविता के लिये सम्पूर्ण
मानव परिवार के बीच शांतिपूर्ण सहअस्तित्व को प्रोत्साहित करे। महाधर्माध्यक्ष ने कहा
कि परमधर्मपीठ का विश्वास है कि इस दिशा में सफलता देशों तथा संयुक्त राष्ट्र संघ, अन्तरराष्ट्रीय
संगठन एवं नागर समाज के बीच सहयोग से प्राप्त की जा सकती है।