2008-10-07 16:17:24

आर्थिक संकट दर्शाता है कि जीवन की नींव धन पर आधारित न हो


संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने 12 वें विश्व धर्माध्यक्षों की धर्मसभा के उदघाटन सत्र को सोमवार को सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्व के सामने प्रस्तुत वर्तमान आर्थिक और वित्तीय संकट दर्शाता है कि क्यों धन और सफलता जैसी आधारशिला पर जीवन की नींव नहीं डाली जाये। उन्होंने कहा कि आज हम देखते हैं कि महान बैंकों का पतन हो गया है, धन लुप्त हो गया है और इसी तरह अन्य चीजें जिन्हें हम वास्तविक समझ कर भरोसा कर रहे थे वे द्वितीय स्तर की वास्तविकताएँ हैं। संत पापा ने दिवस के लिए निर्धारित बाइबिल पाठ में येसु ख्रीस्त के उस दृष्टांत का स्मरण कराया जिसमें बालू और चट्टान की नींव पर बनाये गये घरों का वर्णन किया गया था। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति दिखाई देने और छू सकनेवाली चीजों सफलता, कैरियर, धन, भौतिक वस्तुओं की नींव पर अपने जीवन का निर्माण करता है वह बालू की नींव पर निर्माण कर रहा है। ये वास्तविकताएँ एक दिन समाप्त हो जाएँगी। संत पापा ने कहा कि केवल ईश्वर का वचन सब वास्तविकताओं का आधार है, यह स्वर्ग के समान स्थायी है। हमें यथार्थवाद संबंधी हमारी अवधारणा को बदलने की जरूरत है। एक यथार्थ व्यक्ति वह है जो मानता है कि बहुत नाजुक प्रतीत होता ईशवचन वास्तव में सब चीजों का आधार है।








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