2008-10-06 13:11:20

धर्मातरण का कोई अर्थ नहीं है अगर व्यक्ति स्वतंत्रतापूर्वक धर्म परिवर्तन न करे-धर्माध्यक्ष चीनाथ


कटक भुवनेश्वर के महाधर्माध्यक्ष रफाएल चीनाथ ने कहा है कि उड़ीसा की स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गयी है फिर भी मुख्यमंत्री बहुसंख्यकों को प्रसन्न रखने की चाल खेल रहे हैं।

मुख्यमंत्री के पक्षपातपूर्ण रवैये की चर्चा करते हुए धर्माध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक यह नहीं चाहते हैं कि समस्या का समाधान हो।

ईसाइयों पर हो रहे लगातार हमले के कारण करीब 40 हज़ार लोग शरर्णार्थी बने हुए हैं पर अभी तक उन्होंने कोई ऐसा बयान नहीं दिया है जिससे लोगों को राहत मिले न ही वे दंगाइयों पर सख्ती से पेश आये हैं।

सरकार शुरु से इस बात को छिपाती रही है कि राज्य में कोई बड़ी समस्या है। और स्थिति सामान्य हो चुकी है। और इसीलिये और किसी भी प्रकार की कोई कारवाई की कोई आवश्यकता नहीं है।

धर्माध्यक्ष ने सर्वोच्च न्यायालय से इस संबंध में एक याचिका दायर की थी । और सर्वोच्च् न्यायालय राज्य सरकार को चार सप्ताहों का समय दिया था पर राज्य सरकार में इस दिशा में कोई ठोस कदम नही उठाया है।

धर्माध्यक्ष ने कहा कि सरकारी तंत्र उड़ीसा के कंधमाल जिले में शांति व्यवस्था कायम करने में पूरी तरह से अक्षम रही है।


उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से तीन बार और राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से दो बार और गृह मंत्री शिवराज पाटिल तथा कॉग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गाँधी से भी मुलाकात की और उन्हें इस संबंध में जानकारी दी।

उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने उड़ीसा की घटना को राष्ट्रीय शर्म कहा पर अभी तक स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है।

चरमपंथी हिन्दुओं ने कहा है कि जब लोग अपने घरों को लौटेंगे तो उन्हें हिन्दु बना दिया जायेगा।

धर्माध्यक्ष ने कहा कि कोई भी धर्मातरण का कोई अर्थ नहीं है अगर व्यक्ति स्वतंत्रतापूर्वक धर्म परिवर्तन न करे।

धर्माध्यक्ष ने यह भी बताया कि वे उडी़सा के सब धर्माध्यक्षों की एक सभा बुलाने जा रहे हैं और ईसाइयों पर हिंसा और अन्याय के विरोध में भुवनेश्वर में एक विशाल रैली का आयोजन किया जायेगा।








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