2008-10-04 12:02:54

रोमः इटली के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात हेतु सन्त पापा बेनेडिक्ट क्वीरीनाले में


इटली के राष्ट्रपति के साथ औपचारिक मुलाकात हेतु सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें शनिवार प्रातः रोम के क्वीरीनाले भवन गये। यहाँ उन्होंने इटली के राष्ट्रपति जोर्जो नापोलीतानो से व्यक्तिगत बातचीत की तथा राष्ट्रपति भवन में उपस्थित इटली के वरिष्ठ अधिकारियों को अपना सन्देश दिया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति भवन में प्रभाषण करते हुए सन्त पापा ने इतिहास के उस युग को याद किया जब क्विरीनाले भवन सन्त पापाओं की प्रशासकीय पीठ हुआ करता था। उन्होंने कहा कि परमधर्मपीठ तथा इटली के मध्य विद्यमान सम्बन्धों के सन्दर्भ में ही वे क्वीरीनाले की भेंट नहीं कर रहे थे बल्कि उनकी भेंट का एक गहन एवं प्रतीकात्मक अर्थ है। उन्होंने कहा कि बड़े दुःख के साथ उन्हें याद करना पड़ता है कि भवन में उनके पूर्वाधिकारी सन्त पापा पियुस छठवें तथा सन्त पापा पियुस सातवें को हिंसक ढंग से उनकी परमाध्यक्षीय पीठ से हटाया गया था तथा निष्कासित कर दिया गया था।

काथलिक कलीसिया के मिशन हेतु सन्त पापाओं की महत्वपूर्ण भूमिकाओं को स्पष्ट करते हुए सन्त पापा ने कहा कि सन् 1870 में हुए विरोधों के बाद परमधर्मपीठ सार्वभौमिक कलीसिया के प्रेरितिक मिशन के प्रति चिन्तित रही और इसीलिये वह अपनी स्वतंत्रता पर बल देती रही थी। उन्होंने कहा कि दशकों के संघर्ष के बाद परमधर्मपीठ की मांग 11 फरवरी सन् 1929 ई. को इटली तथा वाटिकन के बीच लातेरान समझौते से पूरी हुई। उन्होंने कहा कि लातेरान समझौते के चलते ही आज यह कहा जा सकता है कि इटली तथा वाटिकन दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण सहअस्तित्व एवं फलप्रद सहयोग का सुखद वातावरण निर्मित हो सका है।

चार अक्तूबर को इटली के महान सन्त, असीसी के सन्त फ्राँसिस के पर्व के सन्दर्भ में सन्त पापा ने कहा कि इस महान सन्त ने शांति एवं प्रेम के सुसमाचार का प्रचार कर इटली के लोगों को राह दिखाई है कि हर संकट के दौर में वे एकजुट होकर देश की समस्याओं का हल ढूँढे। सन्त पापा ने कहा कि वर्तमान जगत में धर्म और ईश्वर के प्रति बढ़ती उदासीनता के मद्देनज़र वे इटली से आग्रह करते हैं कि सन्त फ्राँसिस के पद चिन्हों पर चले। वह यूरोपीय समुदाय का महत्वपूर्ण सदस्य होने के नाते वह यूरोप को उसकी ख्रीस्तीय जड़ों का स्मरण दिलाये ताकि मानव प्रतिष्ठा, न्याय, सामाजिक एकात्मता तथा सत्य सम्बन्धी सुसमाचारी मूल्यों के ठोस आधार पर इटली एवं सम्पूर्ण यूरोपीय समुदाय का निर्माण हो सके।








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