2008-09-29 19:31:06

बाईबल की कुछ पंक्तियों के आधार पर नैतिकता पर बहस करना न्यायसंगत नहीं-परमधर्मपीठीय बाईबल आयोग


वाटिकन ने बाईबल और नैतिकता संबंधी निर्दश जारी करते हुए कहा है कि बाईबल की वर्णित नीति की बातों  पर विचार करते समय इस बात को ध्यान देना चाहिये कि बाईबल की कुछ अंशों को लेकर बाईबल की नैतिकता पर बहस करना न्यायसंगत नहीं है।
वाटिकन ने आगे कहा कि बाईबल की कई किताबें विभिन्न काल, संदर्भ में विभिन्न लोगों के लिये, कई लेखकों के द्वारा लिखी गयी थी अतः यह उचित नहीं है कि बाईबल की एक पंक्ति को लेकर हम बाईबल के नैतिक निर्देशों पर बहस करें।
परमधर्मपीठीय बाईबल आयोग ने नैतिकता के संबंध में जो निर्देश दिये हैं उसमें इस बात की चर्चा विस्तारपूर्वक नहीं है कि क्या किया जाना चाहिये। इसमें उन सिद्धांतो को बताया गया जिससे व्यक्ति पूर्णत प्राप्ति की आगे बढ़े और परम आनन्द प्राप्त कर सके।
ज्ञात हो कि बाईबल विषय पर वर्ल्ड सिनोद ऑफ बिशप्स  की सभा शुरु होने में अभी सिर्फ दो सप्ताह  बाकी हैं और वाटिकन ने 235 पृष्टों वाली नैतिकता संबंधी  एक किताब का प्रकाशन किया है।
पुराने व्यवस्थान की नैतिकता और येसु की शिक्षा पर विचार करते हुए विद्वानों ने बताया है कि बाईबल की नैतिकता  गर्भधारण से लेकर प्राकृतिक मरण तक मानव जीवन की रक्षा पर बल देती है।
बाइबल के विद्वानों का यह भी कहना है कि परमेश्वर के दस नियम यह बताने का प्रयास करते हैं कि लोग ईश्वर को उचित सम्मान दें, पारिवारिक मूल्यों का सम्मान करें  और मानव की स्वतंत्रता और मर्यादा की रक्षा करें।











All the contents on this site are copyrighted ©.