जिनीवा स्थित संयुक्त राष्ट्र संघीय शरणार्थी उच्चायोग की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व
में इस समय शरणार्थियों की संख्या एक करोड़ से अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार शरणार्थियों
के अतिरिक्त लगभग 26 लाख से अधिक व्यक्ति अपने ही देश में विस्थापित हैं। संयुक्त
राष्ट्र संघीय शरणार्थी उच्चायोग के अनुसार लोगों के शरणार्थी बनने की वजह युद्ध के अतिरिक्त
राजनैतिक स्तर पर उत्पीड़न, सरकारों द्वारा मानवाधिकारों का उल्लंघन, सामाजिक भेदभाव,
अन्याय, अलगाव, पर्यावरणीय दबावों, निर्धनता आदि हैं। ईराक के विषय में रिपोर्ट
में कहा गया कि सन् 2007 में हिंसा की कमी के बाद लोगों ने सिरिया तथा जॉर्डन से अपने
घरों को लौटना शुरु कर दिया था किन्तु हाल के हमलों के बाद स्थिति पुनः खराब हो गई है।
2003 के बाद अपने घरों का पलायन करनेवाले इराक़ी शरणार्थियों की संख्या 20 लाख से अधिक
बताई गई। इन शरणार्थियों के अतिरिक्त ईराक में 27 लाख से अधिक ऐसे नागरिक हैं जो
देश में ही विस्थापित हैं तथा सुरक्षा के कारण एक जगह से दूसरी जगह शरण लेने के लिये
बाध्य हैं।