2008-09-20 12:48:45

ईसाइयों ने जबलपूर महागिरजाघर में आग लगाये जाने का जम कर विरोध किया


मध्य प्रदेश के ईसाइयों ने जबलपूर के 120 वर्ष पुराने संत पीटर और पौल महागिरजाघर में हिन्दु चरमपंथियों के द्वारा आग लगाये जाने का जम कर विरोध किया है।

हिन्दु आक्रमण के विरोध में 19 सितंबर शुक्रवार को सभी स्कूल कॉलेज और शिक्षण संस्थायें बन्द रहीं और ईसाइयों ने घंटों तक सभी मुख्य मार्गों के यातायात ठप्प रखे।

जबलपूर के धर्माध्यक्ष जेराल्ड अलमेइडा के अगवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक ज्ञापन सौंपा और उनसे माँग की कि वे महागिरजाघर में किये गये आक्रमण की निंन्दा करें और ईसाइयों की रक्षा के लिये पुख्ता इन्तज़ाम करें।

इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन में यह भी बताया कि पिछले दो वर्षों में हिन्दु चरमपंथियों ने ईसाइयों पर 54 आक्रमण किये हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से यह भी कहा कि वे इसकी न्यायिक जाँच के आदेश दें।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकारों से बातें करते हुए कहा कि जबलपूर के महागिरजाघर में हुए आक्रमण से वे शर्मिदा हुए हैं।

धर्माध्यक्ष अलमेइडा ने भी कहा कि भगवान के घर आक्रमण सही में न केवल पूरे शहर के लिये वरन् पूरी मानवता के लिये लज्ज़ाजनक है। उन्होंने माँग की है कि सरकार अपराधियों को तुरन्त गिरफ्तार करे।

फादर क्रिस्तुराज ने प्रत्यतक्षदर्शियों का हवाला देते हुए बताया कि दो व्यक्ति जो मोटर साईकिल में सवार होकर आये और गिरजाघर के अन्दर घुस कर गिरजा की वेदी और क्रूस को तोड़ डाला और पवित्र धर्मग्रंथ पवित्र कपड़ों को जला दिया। उन्होंने संत पीटर और पौल की प्रतिमा को नष्ट कर दिया है।

ईसाई महासंघ की सेक्रेटरी ज्योति लाजरुस ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि चरमपंथियों के आतंक और सरकार के रवैये से ईसाइयों का धैर्य अब टूट रहा है।

पुलिस अधीक्षक मक्रान्त दियोस्का ने यूकान समाचार को बताया कि इस संबंध में पुलिस ने एक केस दायर कर लिया है और पुलिस अपराधियों की खोज बीन कर रही है।

ज्ञात हो 6 करोड़ आबादी वाले मध्यप्रदेश राज्य में एक से भी कम फीसदी लोग ईसाई हैं पर उत्कृष्ट शिक्षण संस्थाओं और स्वस्थ्य कल्याण केन्द्रों के कारण राज्य में ईसाइयों का काफी प्रभाव है।









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