ईसा मसीह के सच्चे अनुयायी होने का आदर्श प्रस्तुत करें - पोप
संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा पनामा धर्माध्यक्षीय समित के सदस्यों से कहा है कि
वे लोगों को ईसा मसीह के सच्चे अनुयायी होने का आदर्श प्रस्तुत करें।संत पापा ने उक्त
बातें उस समय कहीं जब वे रोम में आयोजित नये धर्माध्यक्षों की सभा ' अद लिमिना ' में
पनामा के धर्माध्यक्षों से मिल रहे थे। संत पापा ने पनामा के धर्माध्यक्षों के प्रोत्साहन
देते हुए कहा कि पनामा वासियों के दिल को ईश्वर की वाणी सुनाइये और उन्हें ख्रीस्तीय
धर्म में मजबूत होने के लिये उनका साथ दीजिये ताकि एक दिन वे ईश्वर के सच्चे सेवक बन
सकें। संत पापा ने यह भी कहा कि पुरोहितों, धर्मसमाजियों और लोगधर्मियों को ईश्वर
के बारे में बताने का जो दायित्व सौंपा गया है वह उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। उन्हें
इस दायित्व में सर्वोच्च आनन्द पाना चाहिये। आज जब लोग दुनियावी होते जा रहे हैं तो
व्यक्तिवादी और उपभोक्तावादी होते जा रहे हैं तो ऐसे समय में यह आवश्यक है कि पारिवारिक
मूल्यों को मजबूत किया जाये और नैतिकता की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित किया जाये। उन्होंने
आगे कहा कि यदि हमें दुनियावी शक्तियों पर विजय प्राप्त करना है तो हमें चाहिये कि ईसा
मसीह को गहराई से जाने और उसे दिल से प्रेम करें। ईश्वर को तब ही प्यार कर सकते हैं जब
हम पवित्र धर्मग्रंथ बाईबल का अध्ययन करें और अपने आध्यात्मिक जीवन को मजबूत करें। हमारा
आध्यात्मिक जीवन तब ही मजबूत होगा जब हम व्यक्तिगत और सामूहिक प्रार्थनामय जीवन के प्रति
गंभीर होंगे। इसके साथ यह भी आवश्यक है कि हम मेल-मिलाप संस्कार और परमप्रसाद संस्कार
ग्रहण करेंगे। और इन्ही संस्कारों से प्रेरित होकर हम प्रेम और सेवा के कार्य करेंगे
तब ही हम जीवन की चुनौतियों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।
संत पापा ने विश्वास
जताया है कि पनामा के लोग ईश्वर के लिये लालायित हैं और वे चाहते हैं कि ख्रीस्तीय विश्वास
और आशा से वे ग़रीबी, हिंसा, अशिक्षा, और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं का समाधान कर पायेंगे।