' ईसाइयों के लिये अपने जीवन से बड़ा है ख्रीस्तीय विश्वास ' - कार्डिनल वार्की
' ईसाइयों के लिये अपने जीवन का मूल्य से बड़ा है ईश्वर पर आस्था और ख्रीस्तीय विश्वास।'
उक्त बातें भारतीय धर्माध्यक्ष समिति के अध्यक्ष कार्डिनल वर्की विथायाथिल ने उस समय
कहा जब वे उड़ीसा में ईसाइयों पर लगातार हो रहे अत्याचार के संदर्भ में अपने विचार व्यक्त
कर रहे थे। सीबीसीआई के अध्यक्ष ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि भारत के ईसाई ईश्वर
के लिये अपनी कुर्बीनी करने से नहीं हिचकेंगे क्योंकि उनका जीवन ईश्वर से बड़ा नहीं है। एरनाकुलम
अंगामाली के सिरोमालाबार कार्डिनल वार्की ने आह्वान किया था कि ईसाइयों पर हो रहे लगातार
आक्रमण के ज़वाब में सब ख्रीस्तीय रविवार को उपवास और प्रार्थना करें। सीबीसीआई के
प्रवक्ता फादर बाबू जोसेफ ने बताया कि बड़ी संख्या में लोगों ने रविवार 7 सितंबर को उपवास
और प्रार्थनायें कीं। उस दिन सब गिरजेघर खुले रहे और लोगों ने एक साथ मिलकर प्रार्थनायें
कीं। फीदेस न्यूज़ एजेन्सी ने यह भी बताया कि उसी दिन उड़ीसा की राजधानी में एक अन्तरधार्मिक
सभा का भी आयोजन किया गया था जहां हिन्दु मुस्लिम और अन्य सम्प्रदायों के नेताओं ने एक
साथ प्रार्थनायें की और चरमपंथियों के द्वारा ईसाइयों पर हो रहे हमले और अमानवीय कृत्यों
की खुल कर निंदा की। उधर कोलकाता में विभिन्न धर्में के 700 प्रतिनिधियों ने एक
साथ मिलकर प्रार्थनायें की और हमले में मारे गये लोगों के परिवारों के प्रति अपनी सहानुभूति
दिखलायी। उन्होंने भी ईसाइयों पर हो रहे अत्याचार की कड़ी निन्दा की है। दिल्ली में
40 घंटे की अनवरत प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था औऱ इस अवसर पर दिल्ली के आर्च बिशप
विन्सेन्ट कोनचेसाव ने यूखरिस्तीय बलिदान चढ़ाया और दंगे पीड़ित लोगों के लिये प्रार्थनायें
चढ़ायीं
ज्ञात हो कि चरमपंथी हिन्दुओं ने अगस्त महीने के अन्त में ईसाइयों
पर हमले शुरु कर दिये थे जिसके निन्दा विश्व के अनेक देशों ने खुल कर की है। इस हमले
में अल्पसंख्यक ईसाइयों को अपने गाँव छोड़कर जंगलों और पहाड़ों में शरण लेनी पड़ी है।उड़ीसा
राज्य इधर कुछ वर्षों से हिन्दु चरमपंथियों के हमलों के शिकार होता रहा है। इस वर्ष
उन्होंने कई धन्य मदर तेरेसा की सिस्टरों पर हमले किये और उन पर भी धर्मपरिवर्तन के
बेबुनियाद आरोप लगाये जब वे अनाथ बच्चों के अपने कोन्वेन्ट ले जा रहे थे। बताया गया कि
सिस्टरों के पास सभी आवश्यक कागज़ात थे।