2008-09-09 12:00:47

मुम्बईः भारत के विभिन्न शहरों में ख्रीस्तीयों ने, हिन्दु तथा मुसलमान धर्मानुयायियों के साथ मिलकर, प्रार्थना एवं उपवास दिवस मनाया


इस बीच, भारत के विभिन्न शहरों में ख्रीस्तीयों ने हिन्दु चरमपंथियों की हिंसा का शिकार बने उड़ीसा के ख्रीस्तीयों के लिये रविवार सात सितम्बर को प्रार्थना एवं उपवास दिवस मनाया गया जिसमें अनेक हिन्दु तथा मुसलमान धर्मानुयायियों ने भी भाग लिया।

भारतीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल वारकी विथयातिल ने एशिया समाचार से कहा कि यह एक नये युग का संकेत है। उन्होंने कहा कि नया इसलिये क्योंकि ख्रीस्तीयों ने हिंसा का बदला हिंसा से देने के बजाय बुराई को पराजित करने के लिये प्रार्थना एवं उपवास किया तथा अन्तिम निर्णय ईश्वर पर छोड़ दिया।

कार्डिनल महोदय ने कहा कि प्रार्थना एवं उपवास दिवस के द्वारा भारत की कलीसिया ने भारत, एशिया तथा सम्पूर्ण विश्व और साथ ही विश्वासी एवं ग़ैरविश्वासियों के समक्ष प्रभु ख्रीस्त की शिक्षा का साक्ष्य प्रस्तुत किया हैः "अपने दुश्मनों से प्यार करो, अत्याचार करनेवालों के लिये प्रार्थना करो, आततायियों को क्षमा करो क्योंकि इसी से संसार जान लेगा कि तुम मेरे शिष्य हो।"

रविवार को प्रार्थना एवं उपवास दिवस के दिन भारत के हज़ारों ख्रीस्तीय, गिरजाघरों तथा स्कूलों के मैदानों में, एकत्र हुए। उड़ीसा में पुलिस की निगरानी में क्षतिग्रस्त गिरजाघरों में प्रार्थनाएं सम्पन्न हुई। राँची के लायोला मैदान में कार्डिनल टोप्पो के नेतृत्व में लगभग छः हज़ार लोगों ने प्रार्थनाओं में भाग लिया। हिन्दु, सिक्ख, इस्लाम तथा आदिवासी सरना धर्मों के पवित्र ग्रन्थों से पाठ किये गये तथा हिंसा के शिकार लोगों के प्रति एकात्मता का प्रदर्शन किया गया।

मुम्बई के आज़द मैदान में कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेशियस के नेतृत्व में प्रार्थना सभा हुई जिसमें आर्य समाज के विश्वव्यापी नेता स्वामी अग्निवेश ने भी भाग लिया। इस अवसर पर, उड़ीसा के ख्रीस्तीयों पर विगत दिनों हुई बर्बर हिंसा के सन्दर्भ में, स्वामी अग्निवेश ने स्पषट किया कि आम हिन्दु जनता उड़ीसा में चरमपंथियों द्वारा ढाई गई हिंसा की निन्दा करते हैं तथा हिन्दु चरमपंथ को किसी प्रकार का समर्थन नहीं देना चाहते हैं।












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