बिहार में बचाव और राहत कार्य जारी किन्तु अभी भी लाखों लोग सहायता से वंचित
बिहार की कोसी नदी में आई भीषण बाढ़ के 15 दिनों बाद भी सभी प्रभावितों तक राहत सामग्री
नहीं पहुँच पाई है। मंगलवार को सेना ने अपने अतिरिक्त बल प्रभावित ज़िलों में प्रेषित
किये। हेलिकॉप्टरों एवं नावों की मदद से लोगों तक भोजन आदि पहुँचाया जा रहा है। मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि अगले तीन दिनों में बाढ़ में फँसे हुए सभी लोगों को निकालकर
सुरक्षित स्थानों तक पहुँचा दिया जाएगा। राज्य प्रशासन के अनुसार अब तक पाँच लाख लोगों
को बाढ़ग्रस्त इलाक़ों से निकाला गया है लेकिन अभी भी लाखों लोग वहाँ फँसे हुए हैं। 18
अगस्त को कोसी नदी के तटबंध टूटने से आई बाढ़ के परिणामस्वरूप अब तक 80 लोगों की जानें
जा चुकी हैं, हालांकि लोगों का कहना है कि मरने वालों की संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती
है। बिहार के 16 ज़िले बाढ़ की चपेट में हैं जिनमें से कोसी इलाक़े के सहरसा, अररिया,
सुपौल और मधेपुरा ज़िलों में बाढ़ की स्थिति बहुत गंभीर है। सरकारी आँकड़ों के अनुसार
लगभग 33 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। 12 लाख से अधिक लोग बेघर हो गए हैं तथा राहत
शिविरों में रहने की जगह नहीं है और अपर्याप्त राहत सामग्री को लेकर कई इलाक़ों में तनाव
उत्पन्न हो रहे हैं। काथलिक उदारता संगठन कारितास सहित अनेक ख्रीस्तीय कल्याणकारी संगठन
तथा अन्य ग़ैर सरकारी संगठन भी बाढ़ पीड़ितों को राहत सहायता पहुँचाने में संलग्न हैं।