2008-08-30 12:53:15

विश्व में नित्य बढ़ती ख्रीस्तीय विरोधी भावना के प्रति वाटिकन की चेतावनी


इटली के रिमीनी नगर में एक अन्तरधार्मिक सम्मेलन में बोलते हुए वाटिकन के विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष दोमनिक मामबेरती ने विश्व में नित्य बढ़ती ख्रीस्तीय विरोधी भावना के प्रति सचेत किया।
इस सप्ताह उड़ीसा में ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों के विरुद्ध हुई असंख्य हिंसक घटनाओं की पृष्टभूमि में महाधर्माध्यक्ष मामबेरती ने, शुक्रवार को कहा कि जिस दृढ़ संकल्प के साथ सामीवाद विरोधी एवं इस्लामी विरोधी भावनाओं के उन्मूलन का प्रयास किया जा रहा है उसी दृढ़ संकल्प के साथ ख्रीस्तीय विरोधी भावनाओं के उन्मूलन का प्रयास अनिवार्य है। धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस्लाम के भय तथा सामीवाद विरोधी भावनाओं के समान ही ख्रीस्तीय भय को मिटाने के लिये प्रभावशाली उपाय किये जाने चाहिये।
महाधर्माध्यक्ष के अनुसार दुर्भाग्यवश, अन्य धर्मों के बारे में व्याप्त पूर्वाग्रहों के कारण विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच समझदारी उत्पन्न नहीं हो पाती तथा अकारण ही अन्यों का भय मन में उठने लगता है। उन्होंने कहा कि ख्रीस्तीयों के बारे में मिथ्या प्रचार किया जाता, ग़लत सूचनाएँ दी जाती तथा उनके विरुद्ध भेदभाव, असहिष्णुता एवं हिंसा को भड़काया जाता है।
महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि उड़ीसा, ईराक तथा विश्व के कई ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ ख्रीस्तीयों को उत्पीड़ित किया जा रहा है। प्रत्येक मानव प्राणी की धार्मिक स्वतंत्रता का उन्होंने आव्हान किया और कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता के प्रति सम्मान पारस्परिक होना चाहिये। अस्तु, यूरोप में ग़ैरख्रीस्तीय अल्पसंख्यकों को तथा यूरोप से बाहर ख्रीस्तीय अल्पसंख्यकों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी दी जानी चाहिये।








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