निराशा से बचने के लिये माता मरिया के पदचिन्हों पर चलें – संत पापा
संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा है कि अगर हम चाहते हैं कि जीवन में निराश न हों
तो हमें चाहिये कि हम माता मरिया के पदचिन्हों पर चलें।
संत पापा ने उक्त बातें
उस समय प्रेषित कीं जब फ्रांस के पाराय ए मोनियल में आयोजित प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय मरिया
महोत्सव मनाया गया। इस समारोह में 20 से 25 साल के युवायो ने भाग लिया।
समारोह
के बाद युवाओं ने ज़ेनित समाचार एजेन्सी को बताया कि मरिया महोत्सव ने उनके जीवन को छूआ
है और उन्होंने माता मरिया, ईश्वर की माँ के रहस्यों को समझने की विशेष शक्ति प्राप्त
की है।
संत पापा ने अपने संदेश को वाटिकन के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट के माध्यम से
भेजा था। संत पापा ने कहा कि वे मरिया महोत्सव में भाग लेने वाले सब युवाओं के साथ आध्यात्मिक
रूप से जुड़े हुए हैं और उनके लिये प्रार्थनायें कर रहे हैं।
संत पापा ने इस
अवसर पर यह भी कहा कि माता मरिया ने अपने विश्वास और ईश्वर के प्रति समर्पित होकर दुनिया
को कलीसिया का वास्तविक छवि को दिखलाया है। संत पापा ने आगे कहा कि पवित्रता के मार्ग
में माता मरिया ने सबसे पहले कदम रखा और सबकी आदर्श गयी है।
ईसाइयों के महाधर्म
गुरु ने इस अवसर पर युवाओं को आमंत्रित करते हुए कहा कि वे साहस के साथ माता मरिया का
अनुसरण करें और सदा अपने मन में इस बात को रखे कि वे ईश्वर और अपने पड़ोसियो के लिये
अपना जीवन देना चाहते हैं ताकि ईश्वर उन्हें स्वर्गीय सुक प्रदान करेगा।
संत पापा
ने इस बात को दोहराते हुए कहा कि अगर वे ऐसा करेंगे तो वे इस बात को निश्चित मानें कि
उन्हें कभी भी निराश नहीं होना पड़ेगा।
ज्ञात हो कि इस मरिया समारोह का आयोजन
फ्रांस के एम्मानुएल क्मयुनिटी नामक एक संस्था के द्वारा किया गया था। यह वही समुदाय
है जो फ्रांस में तीर्थयात्रियों को आध्यात्मिक सहायता प्रदान करता हैं।
इस समारोह
में कलीसिया के विभिन्न धार्मिक नेताओं ने भाग लिया जिनमें अलजियर्स के सेवानिवृत महाधर्माध्यक्ष
हेनरी तेईसियेर औऱ वाटिकन के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट फादर जियोभन्नी डेरकोले प्रमुख थे।