ऑड़िसा सरकार डोंगरिया खोंड आदिवासियों का विस्थापन रोकें - अमनेस्टी इंटरनैशनल
अमनेस्टी इंटरनैशनल ने ऑड़िसा सरकार से अपील की है कि वे बॉक्साइट योजना के लिये डोंगरिया
खोंड आदिवासियों का विस्थापन रोकें। सु्प्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उड़ीसा सरकार ने
निर्णय लिया है कि वह नियमागिरी जंगलों में बसे आदिवासियों को वहाँ से हटाएगी।
अमनेस्टी
इंटरनैशनल ने दिल्ली में जारी किये अपने बयान में कहा है कि तथाकथित क्षेत्र के स्वयं
सेवी संस्थाओं ने यह शिकायत की है कि सरकार ने फुलदुम कोनाकुदा और पलवरी गाँव करीब 800
आदिवासियों के घरों को जबरन खाली करने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश
उस समय आया है जब पर्यावरण और मानवाधिकारों के लिये कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं ने
यह माँग की है कि 661 हेक्टेयर जमीन जो जंगल से भरे हैं को आरक्षित किया जाये जिसका उपयोग
वहाँ के आदिवासी बर्सों से करते आ रहे हैं।
ज्ञात हो कि नियमगिरि पर्वत 8 हजार
दोंगरिया खोंड आदिवासियों का निवासस्थल है जो करीब 90 विभिन्न बस्तियों में रहते हैं
और इनकी अपनी विशिष्ट पहचान है। इसके साथ ही करीब 2 हज़ार माँझीखोंड समुदाय के लोग भी
रहते हैं करीब 10 विभिन्न बस्तियों में रहते हैं।