2008-08-16 11:21:26

मिथ्या आनन्द के भ्रम में पड़े विश्व में मरियम हमारी आशा, कहना बेनेडिक्ट 16 वें का


कास्तेल गोन्दोल्फोः रोम शहर के परिसर में कास्तेल गोन्दोल्फो स्थित प्रेरितिक प्रासाद के झरोखे से, शुक्रवार 15 अगस्त को, मरियम के स्वर्गोत्थान महापर्व के उपलक्षय में, सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने प्राँगण में उपस्थित तीर्थयात्रियों को दर्शन दिये तथा उनके साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया।

देवदूत प्रार्थना से पूर्व सन्त पापा ने कहा कि मरियम के सशरीर स्वर्ग में उठा लिये जाने पर चिन्तन हमें, मिथ्या आनन्द के भ्रम में पड़े, विश्व में आशा और सान्तवना के साक्षी बनने में मदद प्रदान करता है।

द्वितीय वाटिकन महासभा की शिक्षा को उद्धृत कर सन्त पापा ने स्मरण दिलाया कि अपने गर्भ में ईश पुत्र को धारण करनेवाली, पवित्रतम कुँवारी मरियम, प्रभु ख्रीस्त एवं कलीसिया के रहस्य के साथ एकीकृत हैं। इस परिप्रेक्ष्य में, स्वर्ग में शरीर और आत्मा सहित महिमान्वित, येसु की माता के सदृश ही कलीसिया की छवि है जिसे आनेवाले विश्व के लिये पूर्ण बनना है। इसीलिये, माँ मरियम, प्रभु के आने तक इस धरती पर पीड़ा सहनेवालों के लिये आशा और सान्त्वना का स्रोत हैं तथा क्रूस पर टंगे, अपने पुत्र येसु द्वारा उनके सिपुर्द की गई सन्तानों को संरक्षण प्रदान करने का कार्य जारी रखती हैं।

सन्त पापा ने कहाः "मरियम हमें याद दिलाती हैं कि आत्मा और शरीर सहित हमारे सम्पूर्ण अस्तित्व की अन्तिम नियति जीवन की परिपूर्णता है। अस्तु, जो व्यक्ति ईश्वर एवं पड़ोसी से प्रेम करते हुए जीते और मरते हैं वे महिमान्वित किये जायेंगे।










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