जॉर्जियाः शान्ति के बिना सम्पूर्ण महाद्वीप ख़तरे में, कहना वाटिकन के राजदूत का
जॉर्जिया में कार्यरत वाटिकन के राजदूत महाधर्माध्यक्ष क्लाओदियो गूजरेत्ती ने जॉर्जिया
में जारी रूसी सैन्य कार्रवाई पर गहन चिन्ता व्यक्त की है। सोमवार को वाटिकन रेडियो को
दी एक भेंटवार्ता में उन्होंने कहा कि यदि सैन्य गतिविधियाँ तुरन्त समाप्त नहीं होती
तो सम्पूर्ण यूरोपीय महाद्वीप पर इसके दुष्परिणाम होंगे। सन्त पापा बेनेडिक्ट 16वें
द्वारा रविवार को झगड़े समाप्त करने की अपील को दुहराते हुए उन्होंने कहा कि हिंसा और
अधिक हिंसा को प्रश्रय देगी तथा सम्पूर्ण महाद्वीप में शान्ति को ख़तरे में डाल देगी
इसलिये सैन्य कार्रवाई को तुरन्त स्थगित किया जाना अनिवार्य है। महाधर्माध्यक्ष गूजरेत्ती
ने कहा कि एक तरफा, आंशिक एवं अस्थायी समझौतों की ख़बरें मिल रही हैं किन्तु ज़रूरत है
स्थायी शान्ति की जिसके लिये सभी पक्षों द्वारा स्वार्थ का परित्याग आवश्यक है। फ्राँस
एवं फिनलैण्ड की मध्यस्थता से संघर्ष विराम के लिये कूटनैतिक प्रयास जारी हैं किन्तु
रूस इसके लिये सहमत नहीं हो रहा है। इस बीच, जॉर्जिया के राष्ट्रपति मिखेल साकाशविली
ने कहा है कि उनके देश के अधिकांश भाग को रूसी सेना ने अपने कब्ज़े में ले लिया है। रूसी
हमलों को उन्होंने बर्बरतापूर्ण कृत्य निरूपित किया और कहा कि इससे जॉर्जिया की स्वतंत्रता
ख़तरे में पड़ गई है। रिपोर्टों के मुताबिक जॉर्जिया के तमाम प्रमुख रास्तों, सड़कों
और पुलों पर अब रूस की सेना का नियंत्रण है। विगत छः दिनों से रूस और जॉर्जिया के
बीच दक्षिणी ओसेतिया को लेकर युद्ध चल रहा है। विवाद उस समय खड़ा हुआ जब जॉर्जिया ने
दक्षिण ओसेतिया पर हमला कर दिया। सन् 1992 के युद्ध के बाद से दक्षिण ओसेतिया ने स्वतः
को स्वतंत्र राज्य घोषित कर दिया था। प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार इस लड़ाई में
2000 लोग मारे जा चुके हैं तथा लगभग तीस हज़ार से अधिक बेघर और विस्थापित हुए हैं।