नोबेल पुरस्कार विजेता और रूसी लेखक अलेक्ज़ेंडर सोलज़ेनित्सिन को विश्व के नेताओं की
श्रद्धान्जलि
विश्व के नेताओं ने नोबेल पुरस्कार विजेता और रूसी लेखक अलेक्ज़ेंडर सोलज़ेनित्सिन के
प्रति श्रद्धान्जलि अर्पित की है। 89 वर्षीय अलेक्ज़ेंडर सोलज़ेनित्सिन का निधन रविवार
को मॉस्को स्थित उनके निवास में हृदयाघात के कारण हो गया था। 20वीं सदी के मशहूर
रूसी लेखक सोलज़ेनित्सिन को सन् 1970 में उनकी उत्कृष्ट साहित्यिक कृति "गुलाग आरचीपेलागो"
के लिये नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। इस पुस्तक में लेखक ने जोसफ स्टालीन के
शासनकाल में सज़ा देने की निर्मम एवं क्रूर प्रक्रियाओं का हृदयविदारक विवरण प्रस्तुत
किया है। रूसी प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन ने एक वकतव्य जारी कर अलेक्ज़ेंडर सोलज़ेनित्सिन
के निधन को रूस के लिए एक महान क्षति निरूपित किया। फ्राँस के राष्ट्रपति निकोलस
सारकोज़ी, अमरीका के राष्ट्रपति जॉर्ज तथा विश्व के अन्य नेताओं ने सोलज़ेनित्सिन के
निधन पर शोक व्यक्त करते हुए इस बात का स्मरण दिलाया कि उन्होंने जोसफ स्टालीन के बन्दीगृहों
की दहशत एवं सोवियत तानाशाही की क्रूरता का दर्दनाक वर्णन कर अपूर्व साहस का परिचय दिया
था। इस बीच, इन्टरफैक्स समाचार एजेन्सी से पूर्व सोवियत संघ के नेता मिखाईल गोरबाचोफ
ने कहा कि सोलज़ेनित्सिन उन प्रथम व्यक्तियों में से थे जिन्होंने स्टालीन के काल की
अमानवीयता के विरुद्ध अपनी आवाज़ बुलन्द की थी। उन्होंने उन लोगों के विषय में भी अपने
पाठकों को बताया जिन्होंने साम्यवादी काल के उत्पीड़न के बावजूद कभी हिम्मत न हारी।
सन् 1974 में अलेक्ज़ेंडर सोलज़ेनित्सिन से उनकी सोवियत नागरिकता छीन ली गई थी तथा
उन्हें देश से निष्कासित कर दिया गया था। निष्कासन काल अमरीका में व्यतीत करने के बाद
वे सोवियत संघ के विघटन के बाद सन् 1994 में रूस वापस लौटे थे।