चीन में मानवाधिकार की स्थिति और बिगड़ी' कहना एमनेस्टी इंटरनेशनल का
अन्तरराष्ट्रीय क्षमादान आयोग एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि ओलंपिक खेलों के आयोजन
से पूर्व चीनी अधिकारियों ने मानवाधिकारों में सुधार के वादे किये थे किन्तु इन वादों
के बावजूद चीन में मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन जारी है। आयोग ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं
और पत्रकारों पर दबाव डालने और मनमनाने ढंग से लोगों को कारावास भेजने का भी आरोप लगाया
है। यद्दपि इससे पूर्व चीन मानवाधिकार उल्लंघन की रिपोर्ट का खण्डन करता रहा है और
दावा करता रहा है कि हाल में मानवाधिकारों की स्थिति सुधरी है तथा आर्थिक प्रबंधन ने
करोड़ों लोगों के जीवन स्तर को बेहतरीन बनाया है। हांगकांग में बीबीसी के वॉउडिन
इंग्लैंड का कहना है कि चीन ने वादा किया था कि वह ओलंपिक की परंपराओं के अनुकूल मानव
प्रतिष्ठा का सम्मान करेगा, मीडिया को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देगा तथा शिक्षा एवं
स्वास्थ्य स्थिति को बेहतर बनायेगा। जबकि, एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार चीन
में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को कारावास दिया गया, लोगों को बेघर कर दिया गया, पत्रकारों
को बंधक बनाया गया, वेबसाइटें रोक दी गईं और जेलों में य़ातनाओं की घटनाओँ में भी वृद्धि
हुई है। एमनेस्टी ने हू जिया और यांग चुनलिन सहित कई कार्यकर्ताओं के नामों का भी
उल्लेख किया जिन्हें ओलंपिक खेलों की तैयारियों के दौरान गिरफ्तार या नज़रबन्द कर मौन
रहने के लिये बाध्य किया गया है। विश्व नेताओं से एमनेस्टी ने अपील की है कि ओलम्पिक
खेलों के लिये चीन की यात्रा के दौरान वे इस मुद्दे को अवश्य उठायें।