2008-07-20 09:50:43

ऑस्ट्रेलिया में जारी विश्व युवा दिवस के दौरान सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के कार्यक्रमों पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट, 19 जुलाई, 2008


श्रोताओ! काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ऑस्ट्रेलिया में अपनी प्रेरितिक यात्रा के अन्तिम चरण में पहुँच चुके हैं। सिडनी में, 23 वें विश्व युवा दिवस के समारोहों का नेतृत्व कर रहे सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें एक बार फिर जग-प्रशंसा के पात्र बने जब उन्होंने, शनिवार, 19 जुलाई को, सिडनी के सेन्ट मेरीज़ कथीड्रल में, काथलिक धर्माध्यक्षों के साथ गुरुकुल छात्रों के लिये, ख्रीस्तयाग अर्पण के दौरान प्रवचन करते हुए, काथलिक पुरोहितों के यौन दुराचार के लिये क्षमा याचना की। श्रोताओ, शनिवार की घटनाओं पर रिपोर्ट से पूर्व आईए देखते हैं 18 जुलाई के कार्यक्रमों पर ऑस्ट्रेलियाई समाचार पत्रों का क्या कहना हैः

' द डेली टेलेग्राफ, ' ' द ऑस्ट्रेलियन ' तथा ' द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ' आदि ऑस्ट्रेलिया के लगभग सभी अख़बारों ने शुक्रवार को सम्पन्न भव्य क्रूस रास्ते की चर्चा की तथा अपने कई पन्ने 23 वें विश्व युवा दिवसीय समारोहों को समर्पित किए।

21 जुलाई तक जारी विश्व युवा सम्मेलन के लिये इस समय सिडनी में 170 राष्ट्रों के ढाई लाख से अधिक युवा एकत्र हैं जिन्होंने शुक्रवार को पवित्र क्रूस मार्ग की विनती में भाग लेकर सम्पूर्ण विश्व के समक्ष अपूर्व, आश्चर्यजनक एवं शानदार नज़ारा प्रस्तुत किया। वाटिकन रेडियो के एक संवाददाता ने बताया कि सिडनी में सम्पन्न क्रूस मार्ग की प्रार्थना के भव्य प्रदर्शन में ऐसी कोई बात नहीं थी जिसपर वाद विवाद खड़ा हो जैसा कि अतीत में कई अवसरों पर होता रहा है।

य़हाँ तक कि क्रूस मार्ग के दौरान मनन चिन्तन के लिए लिखे गये पाठों को भी यहूदी समुदाय को प्रेषित किया गया था ताकि इसका कोई भी अंश यहूदी समुदाय के लिये अपमानजनक न हो। परिणामस्वरूप क्रूस मार्ग की प्रार्थना का जो रूप विश्व के समक्ष आया वह धर्मविधिक और ईशशास्त्रीय रूप से सही होने के साथ-साथ राजनैतिक कसौटी पर भी ख़रा उतरा।

वस्तुतः, य़ेसु मसीह के क्रूस मार्ग की याद में सिडनी की सड़कों पर निकले लगभग ढाई लाख युवाओं के लिये यह एक चमत्कार सिद्ध हुआ क्योंकि सम्पूर्ण महानगर रूपान्तिरत हो गया थाः हाईड पार्क के हरे भरे मैदान गेथसमनी की बारी में परिणित हो गये, कला दीर्घा के स्तभों से घिरा द्वार मण्डप महासभा का कठघरा बना तथा ओपेरा हाऊस के गुम्बजों ने पिलातुस के महल का आभास दिलाया। अँगीठियाँ जलती रहीं तो विभिन्न वाद्यों की धुनों पर रोमी सैनिक आगे पीछे चलते रहे। इसके अतिरिक्त, गीतों, नृत्यों एवं भिन्न भिन्न तरह की कलात्मक अभिव्यक्तियों और शानदार बत्तियों का प्रदीपन उस समय अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँचा जब सिडनी बन्दरगाह के क्षितिज पर विदा लेते सूर्य की पृष्ठभूमि में येसु के क्रूसीकरण को दर्शाया गया।

सिडनी में शुक्रवार को प्रदर्शित इस अतिरंजक क्रूसमार्ग की विनती का निर्देशन डॉन फ्राँको कव्वारा द्वारा किया गया था जो पुरोहित अभिषिक्त होने से पूर्व इटली के स्पोलेत्तो नगर में गीतिनाट्यों का निर्देशन करते रहे थे। श्रोताओ, सच मानिये, शुक्रवार के क्रूसमार्ग में भाग लेनेवालों को ऐसा प्रतीत हुआ मानों सिडनी 21 वीं शताब्दी का येरूसालेम बन उठा था जहाँ येसु मसीह हमारे वर्तमान आधुनिक महानगर में निरन्तर जीते, निरन्तर दुःख भोगते तथा निरन्तर मरते रहते हैं। ........................................

शनिवार, 19 जुलाई को, सेन्ट मेरीज़ कथीड्रल में ऑस्ट्रेलिया के काथलिक धर्माध्यक्षों के साथ ख्रीस्तयाग अर्पण तथा सन्ध्या समय रैण्डविक रेसकोर्स मैदान में रात्रि जागरण सन्त पापा के प्रमुख कार्यक्रम रहे। ख्रीस्तयाग के अवसर पर प्रवचन करते हुए सन्त पापा ने ऑस्ट्रेलिया में काथलिक पुरोहितों के यौन दुराचार के लिये क्षमा याचना की और कहा कि पीड़ितों द्वारा सहे कष्ट का उन्हें अत्यन्त खेद है। ऑस्ट्रेलिया में पुरोहितों द्वारा यौन दुराचार के 107 प्रकरण दर्ज़ किये गये हैं किन्तु कतिपय लोकोपकारी संगठनों के अनुसार यह संख्या इससे कहीं अधिक है।

वस्तुतः, रोम से ऑस्ट्रेलिया तक की हवाई यात्रा के दौरान ही पत्रकारों ने सन्त पापा से पूछा था कि क्या सन्त पापा काथलिक पुरोहितों के यौन दुराचार के लिये क्षमा मांगेंगे जैसा उन्होंने अपनी अमरीकी य़ात्रा के अवसर पर किया था? इसके उत्तर में सन्त पापा ने कहा था कि वे यौन दुराचार के शिकार बने लोगों की चंगाई एवं पुनर्मिलन का प्रयास करेंगे और अपने प्रवचन में विनीत सन्त पापा ने अपनी प्रतिज्ञा को पूरा किया। सन्त पापा ने प्रवचन देते हुए कहा प्रिय भाइयो और बहनो,इस भव्य महागिरजाघर में मैं धर्माध्यक्षों पुरोहितों उपयाजकों धर्मसमाजियों और सिडनी महाधर्मप्रांत के लोकधर्मियों का सहर्ष अभिवादन करता हूँ। मैं गुरुकुल छात्रों और धर्मसमाजियों का विशेष स्वागत करता हूँ जो ईश प्रजा के नवीनीकरण और आशा के चिह्न हैं।

इस भव्य महामंदिर में ईश्वर की प्रशंसा करते हुए हम उन लोगों का स्मरण करते हैं जिन्होंने अपने स्तर से ऑस्ट्रेलिया की कलीसिया के निर्माण में अपना य़ोगदान दिया है।उनकी निष्ठा और दृढ़ता का प्रशंसागान करते हुए हम स्वयं को समर्पित करें ताकि सुसमाचार का प्रचार हो, लोगों का ह्रदय परिवर्तन हो एवं कलीसिया पवित्रता, एकता और उदारता में बढ़े।

प्रिय मित्रों यह समारोह संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी की उपस्थिति में सम्पन्न हो रहा है। यह क्षण ऑस्ट्रेलिया की कलीसिया के लिये नवीनीकरण और पुनर्समर्पित करने का समय हो। कुछ पुरोहितों द्वारा इस देश के कुछ नाबालिगों के साथ किये गये यौन दुराचार से मैं बहुत दुःखी हूँ और मेषपाल होने के रूप में उनके दुःख में शामिल होता हूँ। विश्वास और आस्था को ठेस पहुँचाने बाले कृत्यों की कड़ी निंदा की जानी चाहिये। इस बुराई से काथलिक चर्च की छवि खराब हुई है।

मैं आप सबों से आग्रह करता हूँ कि आप अपने धर्माध्यक्षों की मदद करें ताकि ऐसी बुराइयों को समाप्त किया जा सके। ऐसी घटनाओं के शिकार हुए लोगों के प्रति सहानुभूति दिखाना और देखभाल करना हम सबों का दायित्व है। आज की जरुरत है कि हम युवाओं के लिये एक ऐसा वातावरण दें ताकि उनका समुचित और समग्र विकास हो सके। विश्व युवा दिवस समारोह हमें स्मरण कराता है कि युवा हमारे लिये अनमोल निधि हैं और इस देश में उनकी शिक्षा और देखभाल करना कलीसिया का एक विशेष मिशन है। हम प्रार्थना करें कि हमारे बीच चंगाई और मेल-मिलाप हो।

अब मैं गुरुकुल छात्रों और युवा धर्मसमाजियों को विशेष स्नेह दिखाते हुए प्रोत्साहन के दो शव्द कहना चाहता हूँ। प्रिय मित्रो, महान उदारता के साथ आपने अनेक रूपों में स्वयं को समर्पित किया है। ख्रीस्त का अऩुसरण करने के लिये उनके निमंत्रण को स्वीकार किया है। युवा गुरुकुल छात्रो और धर्मसमाजियो, आप उन सब लोगों के लिये जिनसे आप मिलते हैं उनके लिये जीवित बलिवेदी बन जायेंगे।

ब्रह्मचर्य निर्धनता और आज्ञापालन के व्रत में येसु का अनुसरण करने के आह्वान को स्वीकार करते हुए आपने जो कदम बढ़ाया है उसमें आपको ईश्वर अपनी कृपा प्रदान करे। पिता ईश्वर की इच्छा पूरी करने के लिये प्रभु येसु द्वारा दिखाये गये आज्ञापालन के आदर्श के अनुरूप आप अपने दैनिक जीवन को ईश्वर को चढ़ायें। आप उस स्वतंत्रता और आनन्द की खोज करें और उसे अपने कार्यो से ऐसा दिखायें कि उससे लोग ईश्वर की ओर आकर्षित हों।

यह कदापि नहीं भूलें कि ईश्वरीय राज्य की स्थापना के लिये यह आवश्यक है कि हम एक ऐसे जीवन को गले लगायें जिसमें प्रेम हो और जरुरतमंदों की सेवा को समर्पित हो। आप सबसे अच्छा उपहार दूसरों को दे सकते हैं वह है आपका आदर्श जीवन, उदारता औऱ आपका बहुमूल्य समय।

सदा प्रसन्न रहिये और अपने को धन्य मानिये कि ईश्वर ने आपको अपनी महिमा और कलीसिया के निर्माण का दायित्व आपको सौंपा है।

सिडनी के कथीड्रल ङाऊस में शनिवार मध्यान्ह सन्त पापा ने ऑस्ट्रेलिया के काथलिक धर्माध्यक्षों के साथ भोजन किया तथा सन्ध्या समय वे रात्रि जागरण के लिये यहाँ से लगभग साढ़े छ किलोमीटर की दूरी पर स्थित रैण्डविक रेस कोर्स मैदान गये जहाँ करतल ध्वनि एवं जयनारों से लाखों युवाओं ने उनका हार्दिक स्वागत किया।

इस अवसर पर मरियम के आदर में गीत गाया गया तथा सन्त पापा 12 युवा तीर्थयात्रियों के साथ वेदी की ओर बढ़े। ऑस्ट्रेलिया की मूलजातियों का प्रतिनिधित्व करती एक महिला ने उक्त 12 तीर्थयात्रियों के दीपक प्रज्वलित किये और फिर इन 12 तीर्थयात्रियों ने भक्त समुदाय की मोमबत्तियों को जलाकर सम्पूर्ण रेस कोर्स मैदान को प्रकाशमय बना दिया। सात युवाओं ने पवित्रआत्मा से प्राप्त वरदानों का साक्ष्य प्रस्तुत किया तथा 24 युवाओं ने दृढ़ीकरण संस्कार ग्रहण किया। इस अवसर पर युवाओं को सम्बोधित करते हुए सन्त पापा ने कहाः

मेरे युवा दोस्तो, आज हमने फिर से उन प्रतिज्ञाओं को सुना है जिसे येसु ने हमसे की हैं। वे कहते हैं कि जब पवित्र आत्मा तुम पर उतरेगा तो तुम उससे शक्ति ग्रहण करोगे। इन बातों को येसु ने अपने स्वर्गोंरोहण ठीक पहले बताया था।

आज मैं आप सबों के लिये यही प्रार्थना करना चाहता हूँ कि आप सब पवित्र आत्मा के सात वरदानों से परिपूर्ण हो जायें, पवित्र आत्मा की शक्ति को पहचानें, उस पर विश्वास करें और उसका साक्ष्य दें।

मैं आज आप लोगों को बताना चाहता हूँ कि हम किस तरह से येसु की आत्मा का साक्ष्य दे सकते हैं। हम पवित्र आत्मा को वायू, आग, और साँस के रूप में जानते हैं और सच में यही वह आत्मा है जिसके द्वारा हमारा ख्रीस्तीय जीवन संचालित होता है।

कलीसिया चाहती है कि वह इसी आत्मा का साक्ष्य दे पर आज की दुनिया सत्य को नहीं पहचान पा रही है। ईश्वर की सृष्ट वस्तुओं और जीवों में जो एकता और तारतम्यता होनी चाहिये वह नहीं है। इसीलिये दुनिया में निराशा है, अशांति है। एकता और मेल-मिलाप का अभाव है।

मैं आप सबों को बताना चाहता हूँ कि एकता और मेल-मिलाप मानवीय प्रयासों से सिर्फ संभव नहीं हो सकता। हम कई बार हम इस प्रलोभन में फँस जाते हैं कि हम बिना ईश्वरीय मदद के एक समुदाय का निर्माण करें जो सर्वगुण सम्पन्न समुदाय हो पर ये संभव नहीं है।

पवित्र आत्मा के बिना हमारी एकता कभी भी मजबूत नहीं हो सकती है। आप अपनी अन्तरात्मा की आवाज़ को सुनिये तो आप पायेंगे कि वह आपको प्रेरित कर रही है कि आप प्रभु में एक हो जायें। आज जरुरत है कि पवित्र आत्मा की आवाज़ को सुनें, उसके निर्देशनों को मानें और तृत्व मय ईश्वर के जीवन से एक हो जायें।

वैसे तो हम पवित्र आत्मा को पूर्ण रूप से नहीं समझ सकते हैं फिर भी आइये मैं आप को संत अगुस्टिन की उन बातों को बता दूँ जिन्होंने भी पवित्र आत्मा को समझने का बहुत प्रयास किया था।

संत अगुस्टिन के अनुसार पवित्र आत्मा की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह एकता के लिये कार्य करती है। यह हमें बताती है कि पूर्ण एकता तब ही संभव है, जब जैसे पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा तीनों जन एक-दूसरे का सम्मान करते हैं बैसा ही हम भी एक-दूसरे का सम्मान करें।

पूर्ण एकता तब ही संभव है जब हम इस बात को स्वीकार करते हैं कि हमारा लक्ष्य है ईश्वर की प्राप्ति। हमारा विश्वास है कि पवित्र आत्मा हममें निवास करते हैं। इसके साथ हमारी यह इच्छा है कि हम एक-दूसरे की सेवा करें।

दूसरी बात, जिसे संत अगुस्टिन पवित्र आत्मा के बारे में बताते हैं बह है कि पवित्र आत्मा का प्यार असीमित है और जो सदा बना रहता है।

तीसरी बात, जिसे संत अगुस्टिन ने पवित्र आत्मा के बारे में बताया वह हैं कि पवित्र आत्मा एक वरदान है जो ईश्वर की ओर से दिया जाता है। यह एक ऐसा वरदान है जो अनन्त झरने के समान बहता रहता है और दूसरे को जीवन प्रदान करता है।

मैं चाहता हूँ अब आपका मन-दिल पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो जाये ताकि आप जो प्रेम दें उसमें एकता हो, प्रेम में वफादारी आपके जीवन की चुनौती हो, और सेवामय प्रेम आपके जीवन का मिशन हो।

मुझे पक्का विश्वास है कि ईश्वर की आत्मा हम सबों में विद्यमान है और हमें आमंत्रित कर रही है ताकि हम येसु के शरीर से एक हो जायें ताकि जीवन के उन सब सवालों का जवाब पवित्र आत्मा की प्रेरणा से दे सकें।

मेरे प्यारे दोस्तो, आज मैं आप लोगों के लिये प्रार्थना करना चाहता हूँ कि आपका जीवन को पवित्र आत्मा के वरदानों से भर जाये, आपका विश्वास पवित्र तृत्व ईश्वर में दृढ़ हो, कलीसिया के संस्कारों से अनुप्राणित हों और दूसरों की मदद के लिये आपको को प्रेरित करे।

मैं अन्त में यह भी बताना चाहता हूँ कि जीवन में वस्तुओं को जमा करना ही सब कुछ नहीं है। जीवन में कुछ उपलब्धियाँ प्राप्त कर लेना जीवन की पूर्णता नहीं है। जीवन की वास्तविक सफलता तो इसमें है कि हमारा आन्तरिक परिवर्तन होता है और हम जो भी करते हैं ईश्वरीय प्यार के कारण करते हैं।

मेरा विश्वास है कि पवित्र आत्मा आपको बदलेगा और आपके द्वारा आपके परिवार समुदाय और राष्ट्रों को नया कर देगा। आप इस बात को सदा मन में याद रखें कि जीवन की महानता इसी में है कि पवित्र आत्मा से आपके जीवन को प्रज्ञा दे, जीवन को बदलने का साहस दे, और आप दूसरों उचित सम्मान दें ।

भारत से ऑस्ट्रेलिया पहुँचे कार्डिनल टेलेस्फोर टोप्पो ने विश्व युवा सम्मेलन को एक विलक्षण एवं अनोखी घटना निरूपित किया है। एशिया समाचार से उन्होंने कहा कि सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के व्यक्तित्व में पवित्रआत्मा का स्वागत करने दूर दूर से सिडनी में उमड़ा विशाल युवा सागर वास्तव में एक चमत्कार है।

उन्होंने कहा कि वे सार्वभौमिक कलीसिया के सौन्दर्य से अभिभूत हो गये हैं, पवित्रआत्मा से प्रेरित, सन्त पापा के श्री मुख से निकले शब्दों को सुनने के लिये यहाँ एकत्र युवाओं के मुख पर बिखरे अपार हर्ष एवं आनन्द को अनदेखा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा विश्व युवा दिवस पर, मानों, संस्कृतियों, भाषाओं एवं राष्ट्रीयताओं का अस्तित्व ही समाप्त हो गया है और मानवजाति के अलग करनेवाली सभी दीवारें ध्वस्त हो गई हैं।

सन्त पापा के प्रभाषणों के सन्दर्भ में कार्डिनल टोप्पो ने कहा कि इस वैश्वीकृत एवं धर्म के प्रति उदासीन विश्व की व्याकुल एवं व्यग्र परिस्थितियाँ हमें उन पवित्रआत्मा को सुनने से रोकती हैं जो हमारे अन्तरमन में निवास करते हैं। किन्तु यहाँ सिडनी में युवाजन पवित्रआत्मा के आव्हान के प्रति सजग हैं तथा उसका प्रत्युत्तर दे रहे हैं।

ढाई लाख की विशाल संख्या में होने के बावजूद वे पंक्तिबद्ध होकर सड़कों पर निकल गये हैं तथा अनुशासित ढंग से निर्धारित कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं, क्या यह पवित्रआत्मा का वरदान नहीं?

उन्होंने कहा कि सन्त पापा विश्व की वास्तविकताओं से भलीभाँति परिचित हैं और इसीलिये वे विनम्र अपील करते हैं कि युवा वर्त्तमान जगत में व्याप्त भ्रान्तियों में पड़कर मूर्ख न बनें। उन लोगों के मायाजाल में वे न फँसें जो उन्हें अभिन्न संभावनाओं के बाज़ार में केवल एक वस्तु के सदृश समझते हैं, जहाँ नवीनता यथार्थ सौन्दर्य को हड़प लेती तथा व्यक्तिपरक अनुभव सत्य की जगह ले लेता है।

कार्डिनल टोप्पो के अनुसारः "विश्व युवा दिवस एक नये कल का सन्देश देता है, सिडनी में एकत्र युवाजन, पवित्रआत्मा से परिपूर्ण होकर, धरती के मुखमण्डल को नवीन कर देंगे।"

























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