संत पापा का रैंडविक के रात्रि-जागरण में दिया गया युवाओं को संदेश
संत पापा की युवाओं के लिये प्रार्थना मेरे युवा दोस्तो, आज हमने फिर से उन प्रतिज्ञाओं
को सुना है जिसे येसु ने हमसे की हैं। वे कहते हैं कि जब पवित्र आत्मा तुम पर उतरेगा
तो तुम उससे शक्ति ग्रहण करोगे। इन बातों को येसु ने अपने स्वर्गोंरोहण ठीक पहले बताया
था। आज मैं आप सबों के लिये यही प्रार्थना करना चाहता हूँ कि आप सब पवित्र आत्मा के सात
वरदानों से परिपूर्ण हो जायें, पवित्र आत्मा की शक्ति को पहचानें, उस पर विश्वास करें
और उसका साक्ष्य दें।
काथलिक कलीसिया का साक्ष्य मैं आज आप लोगों को बताना
चाहता हूँ कि हम किस तरह से येसु की आत्मा का साक्ष्य दे सकते हैं। हम पवित्र आत्मा
को वायू, आग, और साँस के रूप में जानते हैं और सच में यही वह आत्मा है जिसके द्वारा हमारा
ख्रीस्तीय जीवन संचालित होता है। कलीसिया चाहती है कि वह इसी आत्मा का साक्ष्य दे पर
आज की दुनिया सत्य को नहीं पहचान पा रही है। ईश्वर की सृष्ट वस्तुओं और जीवों में जो
एकता और तारतम्यता होनी चाहिये वह नहीं है। इसीलिये दुनिया में निराशा है, अशांति है।
एकता और मेल-मिलाप का अभाव है।
मैं आप सबों को बताना चाहता हूँ कि एकता और मेल-मिलाप
मानवीय प्रयासों से सिर्फ संभव नहीं हो सकता। हम कई बार हम इस प्रलोभन में फँस जाते हैं
कि हम बिना ईश्वरीय मदद के एक समुदाय का निर्माण करें जो सर्वगुण सम्पन्न समुदाय हो पर
ये संभव नहीं है। पवित्र आत्मा के बिना हमारी एकता कभी भी मजबूत नहीं हो सकती है। आप
अपनी अन्तरात्मा की आवाज़ को सुनिये तो आप पायेंगे कि वह आपको प्रेरित कर रही है कि आप
प्रभु में एक हो जायें। आज जरुरत है कि पवित्र आत्मा की आवाज़ को सुनें, उसके निर्देशनों
को मानें और तृत्व मय ईश्वर के जीवन से एक हो जायें।
संत अगुस्टिन की पवित्र
आत्मा संबंधी तीन बातें वैसे तो हम पवित्र आत्मा को पूर्ण रूप से नहीं समझ सकते हैं
फिर भी आइये मैं आप को संत अगुस्टिन की उन बातों को बता दूँ जिन्होंने भी पवित्र आत्मा
को समझने का बहुत प्रयास किया था।
संत अगुस्टिन के अनुसार पवित्र आत्मा की सबसे
बड़ी विशेषता है कि यह एकता के लिये कार्य करती है। यह हमें बताती है कि पूर्ण एकता तब
ही संभव है, जब जैसे पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा तीनों जन एक-दूसरे का सम्मान करते हैं
बैसा ही हम भी एक-दूसरे का सम्मान करें।
पूर्ण एकता तब ही संभव है जब हम इस बात
को स्वीकार करते हैं कि हमारा लक्ष्य है ईश्वर की प्राप्ति। हमारा विश्वास है कि पवित्र
आत्मा हममें निवास करते हैं। इसके साथ हमारी यह इच्छा है कि हम एक-दूसरे की सेवा करें।
दूसरी
बात, जिसे संत अगुस्टिन पवित्र आत्मा के बारे में बताते हैं बह है कि पवित्र आत्मा का
प्यार असीमित है और जो सदा बना रहता है।
तीसरी बात, जिसे संत अगुस्टिन ने पवित्र
आत्मा के बारे में बताया वह हैं कि पवित्र आत्मा एक वरदान है जो ईश्वर की ओर से दिया
जाता है। यह एक ऐसा वरदान है जो अनन्त झरने के समान बहता रहता है और दूसरे को जीवन प्रदान
करता है।
मैं चाहता हूँ अब आपका मन-दिल पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो जाये ताकि
आप जो प्रेम दें उसमें एकता हो, प्रेम में वफादारी आपके जीवन की चुनौती हो, और सेवामय
प्रेम आपके जीवन का मिशन हो।
मुझे पक्का विश्वास है कि ईश्वर की आत्मा हम सबों
में विद्यमान है और हमें आमंत्रित कर रही है ताकि हम येसु के शरीर से एक हो जायें ताकि
जीवन के उन सब सवालों का जवाब पवित्र आत्मा की प्रेरणा से दे सकें।
संत पापा की
प्रार्थना और शुभकामनायें मेरे प्यारे दोस्तो, आज मैं आप लोगों के लिये प्रार्थना
करना चाहता हूँ कि आपका जीवन को पवित्र आत्मा के वरदानों से भर जाये, आपका विश्वास पवित्र
तृत्व ईश्वर में दृढ़ हो, कलीसिया के संस्कारों से अनुप्राणित हों और दूसरों की मदद के
लिये आपको को प्रेरित करे। मैं अन्त में यह भी बताना चाहता हूँ कि जीवन में वस्तुओं को
जमा करना ही सब कुछ नहीं है। जीवन में कुछ उपलब्धियाँ प्राप्त कर लेना जीवन की पूर्णता
नहीं है। जीवन की वास्तविक सफलता तो इसमें है कि हमारा आन्तरिक परिवर्तन होता है और
हम जो भी करते हैं ईश्वरीय प्यार के कारण करते हैं।
जीवन की महानता मेरा विश्वास
है कि पवित्र आत्मा आपको बदलेगा और आपके द्वारा आपके परिवार समुदाय और राष्ट्रों को नया
कर देगा। आप इस बात को सदा मन में याद रखें कि जीवन की महानता इसी में है कि पवित्र आत्मा
से आपके जीवन को प्रज्ञा दे, जीवन को बदलने का साहस दे, और आप दूसरों उचित सम्मान दें
।