2008-07-14 12:54:00

रोम से ऑस्ट्रेलिया के सिडनी महानगर तक सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की यात्रा पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट


सिडनी के सेन्ट मेरीज़ महागिरजाघर में रविवार को जब यह घोषणा की गई कि सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें महनगर पहुँच चुके थे तब उपस्थित भक्त समुदाय में खुशी की लहर छा गई तथा करतल ध्वनि से समूचा सेन्ट मेरीज़ महागिरजाघर गूँज उठा। विगत तीन वर्षों से इस विश्व युवा सम्मेलन की तैयारी में जुटे ऑस्ट्रेलिया के काथलिक धर्मानुयायी वास्तव में हर्षित हैं। विश्व युवा सम्मेलन के छः दिवसीय समारोह आगामी रविवार को सिडनी के रैन्डविक रेसकोर्स में ख्रीस्तयाग समारोह से अपने चरम उत्कर्ष पर पहुँचेंगे।

श्रोताओ! काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें इस समय ऑस्ट्रेलिया में हैं जहाँ वे 23 वें विश्व युवा सम्मेलन के समारोहों का नेतृत्व करेंगे। शनिवार 12 जुलाई को सन्त पापा रोम से सिडनी के लिये रवाना हुए थे। लगभग 16 घण्टों की उड़ान के बाद उनका विमान ऑस्ट्रेलिया के डारविन नगर के हवाई अड्डे करीब एक घण्टे ईंधन आपूर्ति के लिये उतरा। यद्यपि यहाँ किसी कार्यक्रम की योजना नहीं थी तथापि हवाई अड्डे की दर्शक दीर्घा के चारों ओर प्रशंसको का जमघट लगा था जो जयघोषों एवं तालियों से अपने देश में पहली बार सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें का हार्दिक स्वागत कर रहे थे।

डारविन से सिडनी महानगर के रिचमण्ड हवाई अड्डे तक 3.149 किलोमीटर की दूरी साढ़े चार घण्टों में पूरी की गई जहाँ सन्त पापा रविवार को सिडनी समयानुसार दोपहर के तीन बजे पहुँचे। रिचमण्ड हवाई अड्डे पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधान मंत्री केविन रड, देश के काथलिक धर्माधिपति कार्डिनल जॉर्ज पेल, न्यू साऊथ वेल्स के उप प्रधान मंत्री एवं विश्व युवा सम्मेलन के प्रबन्धक जॉन वॉट्किन्स और साथ समारोहों के समन्वयकर्त्ता धर्माध्यक्ष एन्थनी फिशर ने सन्त पापा का स्वागत किया। तदोपरान्त सन्त पापा ने सिडनी महानगर की चहल-पहल एवं कोलाहल से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पर्वतीय उपनगर केन्टहर्स्ट का रुख किया। हरियाली से भरे इस छोटे किन्तु अति रमणीय उपनगर के अध्ययन केन्द्र Kenthurst Study Centre में ही 81 वर्षीय सन्त पापा तीन दिनों तक अर्थात् 16 जुलाई तक विश्राम करेंगे। इस दौरान किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं है। अपने श्रोताओं की सेवा में हम 16 जुलाई की सन्ध्या से ही विश्व युवा दिवस सम्बन्धी सन्त पापा के कार्यक्रमों पर अपनी रिपोर्टों का प्रसारण करते रहेंगे, तब तक सामान्य प्रसारण जारी रहेंगे। ...............................

अब प्रस्तुत हैं रोम से सिडनी तक सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की हवाई यात्रा के दौरान पत्रकारों से उनकी बातचीत के कुछ अंशः

अभी हाल में ही जापान में सम्पन्न विश्व के सर्वाधिक औद्योगिक राष्ट्र जी एट के शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन पर वाद विवाद गर्म रहा। इस सन्दर्भ में पूछे जाने पर सन्त पापा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण की सुरक्षा के विषय में अन्तःकरणों को जाग्रत किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहाः "हमें अपनी ज़िम्मेदारी की पुनर्खोज को एक नवीन आवेग प्रदान करना होगा तथा अपने जीवन यापन के तरीकों को बदलने के लिये नैतिक मूल्यों पर आधारित मार्ग की खोज करनी होगी।" सन्त पापा ने कहा कि राजनीतिज्ञों एवं विशेषज्ञों को "महान पर्यावरणीय चुनौती का सामना करने के लिये हर तरह से सक्षम होना चाहिये।" उन्होंने कहाः "सृष्टि के प्रति हमारी ज़िम्मेदारियाँ हैं"। तथापि, इस बात पर उन्होंने बल दिया कि जलवायु परिवर्तन एवं उससे सम्बन्धित तकनीकी एवं राजनैतिक प्रश्नों पर टिप्पणी करना उनका अभिप्राय कदापि नहीं था।

ऑस्ट्रेलिया में कतिपय काथलिक पुरोहितों के यौन दुराचार से ऑस्ट्रेलियाई समाज एवं ऑस्ट्रेलियाई काथलिक कलीसिया में बने घावों के विषय में सन्त पापा ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की यात्रा के दौरान यह प्रश्न अवश्य ही उठाया जायेगा। उन्होंने कहा कि वे यौन दुराचार के शिकार बने लोगों की चंगाई एवं पुनर्मिलन हेतु प्रयास करेंगे जैसा कि उन्होंने अमरीका में अपनी प्रेरितिक यात्रा के अवसर पर किया था। स्मरण रहे कि अप्रैल माह में सम्पन्न अमरीका की यात्रा के दौरान सन्त पापा ने सार्वजनिक रुप से कहा था कि कलीसिया के पुरोहितों का यौन दुराचार उनके लिये गहन लज्जा का विषय है। उन्होंने यह प्रण भी किया था कि वे हर सम्भव प्रयास करेंगे ताकि दुराचारी व्यक्ति पुरोहिताभिषेक तक न पहुँच पायें। ऑस्ट्रेलिया में पुरोहितों द्वारा यौन दुराचार के 107 प्रकरण दर्ज़ किये गये हैं किन्तु कतिपय लोकोपकारी संगठनों के अनुसार यह संख्या इससे कहीं अधिक है।

पश्चिमी गोलार्ध में कलीसिया की स्थिति पर सन्त पापा ने स्वीकार किया कि कुछेक पश्चिमी देशों में कलीसिया संकट के दौर से गुज़र रही है तथापि उन्होंने कहा कि वह पतन की ओर नहीं है, "मैं कलीसिया के भविष्य के प्रति आशावान हूँ"।

एक और प्रमुख विषय जिसपर हवाई यात्रा के दौरान चर्चा हुई वह था एंगलिकन कलीसिया में पड़ी दरार। महिलाओं के अभिषेक के पक्ष में चर्च ऑफ इंगलैण्ड के मत से अप्रसन्न अनेक धर्माधिकारियों ने एंगलिकन कलीसिया के परित्याग की धमकी दी है। जिनमें से कुछेक ने पुनः काथलिक कलीसिया से जुड़ने की भी मंशा व्यक्त की है। इस सन्दर्भ में सन्त पापा ने बड़ी सूजबूझ का परिचय देते हुए कहाः "मेरा अनिवार्य योगदान केवल प्रार्थना हो सकता है।" सन् 1534 ई. में एंगलिकन कलीसिया काथलिक कलीसिया से अलग हो गई थी। आज विश्व में एंगलिकन धर्मानुयायियों की संख्या लगभग सात करोड़ है। आगामी सप्ताह, एंगलिकन कलीसिया की विश्व धर्म सभा होने जा रही है जो सभा हर दस वर्ष बाद आयोजित की जाती है।

ऑस्ट्रेलिया की यात्रा सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के तीन वर्षीय परमाध्यक्षीय काल की सर्वाधिक लम्बी प्रेरितिक यात्रा होगी जो 21 जुलाई को समाप्त होगी। इस यात्रा की प्रमुख घटनाओं से हम अपने श्रोताओं को अवगत कराते रहेंगे।









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