अफ़गानिस्तान में भारतीय दूतावास पर हुए हमले की कड़ी निंदा
अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में सोमवार को भारतीय दूतावास के बाहर हुए आत्मघाती हमले
की संयुक्त राष्ट्र संघीय सुरक्षा परिषद ने कड़ी निंदा की है। हमले में चार भारतीय
सहित कम से कम 41 लोगों की मौत हो गई है तथा लगभग डेढ़ सौ लोग घायल हो गए हैं। इस हमले
में भारतीय दूतावास के दो वाहन भी नष्ट हो गए। बताया जाता है कि धमाके के समय लोग दूतावास
में वीज़ा आवेदन देने के लिए प्रतीक्षारत थे। हमले में मारे गए भारतीयों में भारतीय
सेना के एक ब्रिगेडयर और भारतीय विदेश सेवा के एक अधिकारी सहित चार व्यक्ति मारे गए।
अफ़ग़ानिस्तान के अधिकारियों के अनुसार आत्मघाती हमलावर विस्फोटकों से भरी हुई एक मोटर
गाड़ी को लेकर भारतीय दूतावास के प्रवेश द्वार तक चला गया जहाँ एक भीषण विस्फोट हुआ और
बड़ी तादाद में लोग हताहत हो गए। सम्पूर्ण विश्व ने भारतीय दूतावास पर हुए उक्त हमले
की कड़ी निंदा की है। दिल्ली स्थित अमरीकी दूतावास ने एक वकतव्य जारी कर इस हमले पर गहन
दुःख व्यक्त किया। यूरोपीय संगठन ने भी इस आक्रमण की भर्त्सना की है। नाटो के महासचिव
जाप दा हूप शेफर ने भी इस हमले की निंदा की है। शेफर ने कहा कि यह क्षेत्रीय संबंधों
को कमजोर करने का प्रयास है। अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने इसे भारत
और अफ़ग़ानिस्तान के बेहतरीन रिश्तों में दरार पैदा करने की साजिश बताया है। तथापि, भारतीय
विदेशमंत्री ने कहा कि इस हमले के बाद भी भारत की ओर से अफ़ग़ानिस्तान को दी जा रही सहायता
का क्रम जारी ही रहेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास पर हुए हमले का हमें दुःख है
किन्तु ये हमले हमें अफ़ग़ानिस्तान की सरकार और उसके लोगों के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियाँ
निभाने से नहीं रोक पाएँगे।" इस बीच, भारतीय दूतावास पर सोमवार के हमले के लिये तालेबान
तथा पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सी आईएसआई पर शक किया जा रहा है हालाँकि पाकिस्तान ने इसका
खंडन किया है तथा तालेबान लड़ाकों ने हमले में हाथ होने से इनकार किया है। बीबीसी
के अनुसार अफ़ग़ानिस्तान के कुछ अधिकारियों ने हमले में पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई
का हाथ होने की आशंका जताई है। इससे पूर्व भी अफ़ग़ानिस्तानी अधिकारी अतीत में हुए कई
हमलों के लिए आईएसआई को ज़िम्मेदार ठहरा चुके हैं।