2008-07-07 14:02:30

संत पौल जुबिली वर्ष अन्तरकलीसाई एकता और समझदारी का सुनहरा अवसर



प्रेरित संत पौल की दो हज़ारवीं जुबिली वर्ष कलीसिया की एकता और अन्तरकलीसाई समझदारी को सुदृढ़ करने के लिये एक सुनहरा अवसर है। उक्त बातें वाटिकन कार्यालय के निदेशक जेस्विट फादर फेदेरिको लोम्बार्डी ने उस समय कहीं जब वे वाटिकन टेलेविज़न के साप्ताहिक कार्यक्रम ऑक्तावा दियेस में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि संत पौल जुबिली वर्ष के उदघाटन समारोह पर ‘सेंट पौल आउट साइड द वोल’ और संत पेत्रुस महागिरजाघर में जो समारोह हुए उससे साफ हो गया है कि अन्तरकलीसाई वार्ता की दिशा में प्रगति हुई है। इस अवसर पर उन्होंने इस बात का भी ज़िक्र किया कि उदघाटन समारोह में कोन्सतानतिनोपल के ऑरथोडोक्स चर्च के धर्मगुरु बारथोलोम्यु प्रथम का इस में शामिल होना ऐतिहासिक रहा। उनके और अन्य अनेक कलीसियाओँ के प्रतिनिधियों के एक साथ जमा होने से अन्तरकलीसाई एकता के प्रयास को बल मिला है।

इस अवसर पर संत पापा के प्रवक्ता ने बारथोलोम्यु प्रथम की उन बातों भी याद किया जिसमें उन्होंने संत पौल के पत्रों को, जिसे हम नये व्यवस्थान में पाते हैं, की सराहना की। उन्होंने यह भी कहा कि संत पौल के दिल में येसु के लिये अपार प्यार था और वे येसु के ऐसे मिशनरी थे जिसे देशों और समुदायों की सीमायें रोक नहीं सकती थी। उन्होंने इस बात की भी याद दिलायी कि ये प्रेरित संत पौल ही थे जिन्होंने पूरी कलीसिया की तुलना येसु के शरीर से की है।

फादर लोम्बार्डी ने इस अवसर पर संत पापा की बातों को भी याद कराते हुए कहा कि संत पापा ने संत पौल की बातों का स्मरण कराते हुए कहा था कि हम कैसे येसु के शरीर को बरबाद कर सकते हैं जब हम खुद ही येसु के शरीर के अंग हैं। जेस्विट फादर लोम्बार्डी ने कहा कि संत पापा और ऑर्थोडोक्स पैट्रियार्क का एक मंच पर आना खुशी की बात है, फिर भी हमें चाहिये कि प्रार्थना करते रहें कि ताकि हमारी एकता मजबूत हो औऱ हम एक रोटी से तृप्त हो सकें औऱ पूर्ण रूप से येसु के अंग बन सकें।









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