काठमाण्डूः नेपाल में सोमवार को भारत के एक काथलिक पुरोहित की उनके निवास पर हत्या कर
दी गई। प्राप्त समाचारों के अनुसार हत्या के शिकार 62 वर्षीय फादर जोन प्रकाश नेपाल के
मोरंग ज़िले स्थित सिरसिया में एक काथलिक स्कूल का संचालन करते थे।
बताया जाता
है कि सोमवार को हथियारों से लैस कुछ व्यक्तियों ने फादर के कमरे में घुस कर वहाँ विस्फोट
कर दिया जिससे फादर की हत्या हो गई। प्रथम जाँच पड़ताल के बाद अधिकारियों ने एक हिन्दु
अतिवादी दल पर सन्देह व्यक्त किया है।
नेपाल के प्रेरितिक प्रशासक धर्माध्यक्ष
एन्थोनी शर्मा ने वाटिकन रेडियो से बातचीत में कहा कि सन् 2006 में नेपाल को धर्मनिरपेक्ष
घोषित किये जाने के बाद से कुछ हिन्दु अतिवादी दलों को लगने लगा है कि उनके अधिकार छीने
जा रहे हैं। स्मरण रहे कि इससे पूर्व नेपाल विश्व का एकमात्र हिन्दु देश था जिसकी 80
प्रतिशत जनता हिन्दु धर्मानुयायी है।
धर्माध्यक्ष एन्थोनी शर्मा ने बताया कि
फादर जोन प्रकाश की हत्या के लिये जिस अतिवादी हिन्दु दल पर शक किया जा रहा है उसपर मुसलमान
समुदाय के एक नमाज़घर पर हमले का भी आरोप है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को कई बार
देश छोड़ने की धमकियाँ भी दी गई हैं। उनके अनुसार फादर की हत्या का उद्देश्य नेपाल के
ख्रीस्तीयों में भय उत्पन्न करना है।
फादर जोन प्रकाश को श्रद्धांजलि अर्पित
करते हुए धर्माध्यक्ष शर्मा ने कहा कि वे एक अति उदार एवं निःस्वार्थ व्यक्ति थे। विगत
दस वर्षों से, भारत के, 62 वर्षीय साईलिशियन धर्मसमाजी पुरोहित, फादर जोन प्रकाश नेपाल
में सेवारत थे।