2008-06-23 12:31:41

क्यूबेक सिटीः यूखरिस्तीय संस्कार की सहभागिता से ही ख्रीस्तीय जीवन अर्थपूर्णः पोप


संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा है कि ख्रीस्तीयों को चाहिये कि वे यूखरिस्त के रहस्य को समझने का लगातार प्रयास करें तब ही हमारा ख्रीस्तीय जीवन अर्थपूर्ण होगा। संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब वे क्यूबेक में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय यूखरिस्तीय सम्मेलन के समापन पर सटेलाईट के प्रवचन दे रहे थे।यूखरिस्तीय समारोह की अध्यक्षता संत पापा के प्रतिनिधि कार्डिनल जोज़ेफ तोमको ने की। संत पापा ने आगे कहा कि आज जरुरत है कि हम द्वितीय वाटिकन की महासभा द्वारा पूजन पद्घति के लिये दिये गये दस्तावेज़ ‘साकरोसैंकतुम कोनसिलयुम’ का गहन अध्ययन करें तब हम यूखरिस्तीय जीवन का उत्साहपूर्वक साक्ष्य दे पायेंगे।

संत पापा ने आगे कहा कि इस दस्तावेज़ ने यूखरिस्तीय समारोह में प्रयुक्त एक-एक शब्द और क्रिया-कलापों के अर्थ को बारीकी से समझाया और इसके अध्ययन से ख्रीस्तीय इसके मह्त्व को समझ पायेंगे और उन्हीं बातों को वे युवाओं और बच्चों को बता पायेंगे। और तब ही ख्रीस्तीय जीवन का नवीनीकरण हो पायेगा।

इस अवसर पर बोलते हुए संत पापा ने कहा कि यूखरिस्त में लोगों का एकता के सूत्र में बाँधने की शक्ति है । यह कलीसिया का अनमोल खज़ाना है। संत पापा ने लोगों को याद दिलाया कि किस प्रकार कलीसिया के महान् सन्त अगुस्टिन, थोमस अक्वीनास औऱ अलबर्ट महान् जैसे लोगों ने संत पौल का अनुसरण करते हुए यूखरिस्त को महत्व देते हुए कहा था यूखरिस्त ही वह संस्कार है जो सब ख्रीस्तीयों को एकता के सूत्र में बाँधता है। यूखरिस्त ही वह संस्कार है जो हमें हरदम याद दिलाता रहता है कि येसु हमारे लिय़े मरे और जी उठे और हमें वो शक्ति प्रदान करते रहते हैं जो उन्होंने अपने चेलों को पेन्तेकोस्त में दी थी।

प्रवचन का समापन करते हुए संत पापा ने कहा कि उनका विश्वास है कि लोग रविवारीय यूखरिस्तीय समारोह का अपने जीवन में उचित स्थान देंगे औऱ इस समारोह से आध्यात्मिक ताकत प्राप्त करेंगे। संत पापा ने इस बात की भी घोषणा की कि सन् 2012 में अगला अन्तरराष्ट्रीय यूखरिस्त सम्मेलन का आयोजन आयरलैंड के डुबलिन शहर में आयोजित किया जायेगा।








All the contents on this site are copyrighted ©.