ईसाई धर्म में अन्याय को जड़ से समाप्त करने की क्षमताः कार्डिनल टोप्पो
ईसाई धर्म एक ऐसा आन्दोलन है जिसके अन्दर ऐसी क्षमता है जो अन्याय को जड़ से समाप्त कर
सकता है।उक्त बातें कार्डिनल तेलेस्फोर टोप्पो ने उस समय कहीं जब वे क्यूबेक में आयोजित
49वें अन्तरराष्ट्रीय यूखरिस्तीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। राँची के महाधर्माध्यक्ष
कार्डिनल टोप्पो ने यूखरिस्त और कलीसिया के मिशन विषय पर अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि
काथलिक कलीसिया ने आरम्भ से ही स्वार्थ और अत्याचार जो कि अन्याय की जड़ें है, से मुक्ति
दिलाने के लिये कार्य करती रही है। कार्डिनल टोप्पो ने यूखरिस्तीय भोजन के बारे मे बोलते
हुए कहा कि यूखरिस्तीय भोजन करते हुए आम ख्रीस्तीयों ने एक ऐसी आध्यात्मिकता का विकास
किया जहाँ समुदाय का हर व्यक्ति एक-दूसरे से बराबर था और सबको उचित सम्मान भी दिया जाता
था। इस अवसर पर बोलते हुए कार्डिनल ने कहा कि वाटिकन की द्वितीय महासभा ने यूखरिस्त
के संबंध में जिन तीन बातों पर बल दिया है वे हैं समुदायिक क्रियाकलाप, सहभागिता और
आपसी प्यार और सहभाजन। उन्होंने आगे कहा कि आज यूखरिस्तीय समारोह प्रत्येक ख्रीस्तीय
को प्रेरित करे कि वे इस पावन भोजन से शक्ति पाकर वह सुसमाचार के प्रचार के लिये निकल
पड़े ताकि येसु के द्वारा नये समाज बनाने के सपने को साकार किया जा सके और इस धरा पर
ही शांति, प्रेम और न्याय का राज्य स्थापित हो सके। कार्डिनल तेलेस्फोर ने कहा कि यूखरिस्तीय
समारोह न केवल एक सामुदायिक आध्यात्मिक भोजन है बल्कि येसु के उस दुःख, मृत्यु और पुनरूत्थान
की यादगारी है जिसके द्वारा उन्होंने हमें बचाया है। और इसी यूखरिस्तीय समारोह के द्वारा
येसु सदा हमारे साथ हमारे बीच में निवास करते हैं।