2008-06-14 11:46:50

फ्रांस के धर्माध्यक्षों के द्वारा ईसाई-इस्लाम वार्ता के लिये एक निर्देशिका


संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें की पहल पर ईसाईयों और मुसलमानों के बीच चल रहे अंतरधार्मिक वार्ता के प्रयासों को मजबूत करने के लिये फ्रांस के धर्माध्यक्षों ने वार्ता के लिये एक निर्देशिका प्रकाशित की है।इस निर्देशिका में इस बात की चर्चा की गयी है कि ईसाई और मुसलमानों का भगवान के बारे में क्या विचार है। अन्तरधार्मिक वार्ता के लिये प्रकाशित निर्देशिका को अन्तरधार्मिक वार्ता के लिये बनी समिति को अध्यक्ष धर्माध्यक्ष पियेरे मारि कारे ने अपनी स्वीकृति दे दी है।

क्रेतियेल के धर्माध्यक्ष माईकेल सानतियेर ने यह स्वीकार किया है कि ईसाई और ईस्लाम के बीच कुछ विभिन्नताएँ हरदम बनी रह सकती है पर उस पर विजयी होने का सिर्फ एक ही उपाय है कि दोनों सम्प्रदाय के धर्मावलंबी एक दूसरे के सम्मान करें और एक दूसरे के साथ समभाव रखें। अंतरधार्मिक वार्ता आयोग के निदेशक धर्माध्यक्ष माईकेल ने यह भी बताया कि वार्ता के लिये एक निर्देशिका देने की जरुरत तब महसूस हुई जब 2006 में एक समिति बनायी गयी थी जिसने ईसाई और मुसलमान विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया था। धर्माध्यक्ष माईकेल ने आशा जतायी है कि इस निर्देशिका से ईसाई-इस्लाम वार्ता में गति आयेगी और दोनों सम्प्रदायों के बीच आपसी समझदारी बढ़ेगी। उन्होंने आगे कहा कि ईश्वर मुसलमानों को सम्मान देते हैं अतः हमें भी चाहिये कि हम एक दूसरे का सम्मान करें। धर्माध्यक्ष माईकेल ने इस बात पर भी बल दिया कि संत पापा चाहते हैं कि ईसाई इस्लाम वार्ता आज के समय की जरुरत है और इसी आपसी संवाद की नींब पर विश्व शांति की आशा की जा सकती है।

धर्माध्यक्ष माईकेल ने कहा कि आनेवाले दिनों में वे और एक पुस्तिका का प्रकाशन करेंगे जिसमें यह बताया गया है कि क्यों काथलिक कलीसिया इसका प्रयास करती है कि अन्तरधार्मिक वार्ता अनवरत जारी रहे।











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