2008-06-11 12:21:04

बुधवारीय-आमदर्शन समारोह के अवसर पर
संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें का संदेश



बुधवारीय आमदर्शन समारोह में संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में एकत्रित हजारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया। उन्होंने कहा- प्रिय भाइयो एवं बहनों, प्राचीन धर्माचार्यों की शिक्षामाला को जारी रखते हुए आज हम कलीसिया के एक महान् संत कोलम्बन के जीवन पर मनन चिन्तन करें । संत कोलम्बन आयरलैंड के मठवासी थे और उन्होंने पूर्ववर्ती मध्यकाल में यूरोप में ख्रीस्तीय धर्मप्रचार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कोलम्बन ने 50 वर्ष की आयू में मठवासी जीवन का त्याग किया और अपने आप को मिशनरी जीवन के लिये समर्पित कर दिया। यह एक ऐसा समय था जब यूरोप में ख्रीस्तीयों का विश्वास कमजोर हो गया था और लोग ईश्वर से दूर हो गये थे और अन्य देवी - देवताओं की पूजा करने लगे थे। अपने मिशनरी अभियान को जारी रखते हुए कोलम्बन और उसके साथियों ने ब्रितानी, अन्नेग्रे और लू्क्सेली आदि शहरों में मठों की स्थापना की और लोगों के विश्वास को मजबूत करने का प्रयास किया। कोलम्बन और उनके साथियों ने एक बात पर अत्यधिक बल दिया वह थी - मेल-मिलाप संस्कार। वे जहाँ कहीं भी गये उन्होंन पापस्वीकार संस्कार के लिये लोगों को प्रोत्साहित किया। कोलम्बन ने धर्म के नियमों को कड़ाई से लागू करने पर इतना बल दिया कि स्थानीय धर्माध्यक्षों के साथ उसके रिश्ते ख़राब हो गये। स्थानीय धर्माध्यक्ष ने कोलम्बन को अपने धर्मप्रांत से बाहर निकाल दिया। अपने निर्वासन काल में संत कोलम्बन ने बोबियो नामक स्थान में एक विशाल मठ की स्थापना की और बहीं से धर्म प्रचार के कार्य जारी रखे। रोम के साथ भी अपने संबंध सुधारने के लिये प्रयासरत रहे। बहीं पर कार्य करते हुए कोलम्बन की मृत्यु हो गयी। संत कोलम्बन ने इस दुनिया से विदा होते-होते मठवासी जीवन का एक आदर्श नमूना लोगों को दिया । इतना ही नहीं अपने धार्मिक लेखों के द्वारा उन्होंने मध्ययुगीन यूरोप को मठवासी जीवन के आदर्शों से ऐसे सींचा जिससे यूरोप में ख्रीस्तीय जीवन की नींव मजबूत हूई।

इतना कहकर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया। उन्होंने थाईलैंड के कार्डिनल कितबुन्चु और उसके साथ आये तीर्थयात्रियों, इंगलैंड, स्कोटलैंड, स्कैनडिनाभिया कोरिया और अमेरिका के तीर्थयात्रियों पर प्रभु की कृपा और शांति की कामना करते हुए सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।










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