अरमेनियन की यादगारी में रोम में मिस्सा पूजा सम्पन्न
93 साल पहले हजारों की संख्या में मारे गये अरमेनियन की यादगारी में रोम में मिस्सा पूजा
सम्पन्न किया गया। यूखरिस्तीय बलिदान चढ़ाते हुए धर्माध्यक्ष न होपसेप केलेकियन ने
कहा कि उन्हें खेद हैं कि काथलिक कलीसिया ने अब तक अरमेनिया के शहीदों को अब तक मान्यता
नहीं मिली है। और उन्होंने आशा व्यक्त की है कि उन्हें जल्द ही मान्यता मिल जाएगी। उन्होंने
आगे बताया कि सन् 1915 ईस्वी में ओटोमन सामाज्य के अनतर्गत हजारों अरमेनियनों का ह्त्या
कर दी गयी। हत्या की शुऱूआत 24 अप्रैल 1915 को हुई जब सरकार ने अनेक डॉक्टरों, वकीलों,
पत्रकारों, पुरोहितों, सांस्कृतिक औऱ राजनीतिक प्रतिनिधियों को गिरफतार किया। धर्माध्यक्ष
ने आगे कहा कि हम विश्वास करते हैं कि जो विश्वास हमने अपने पूरखों के द्वारा प्राप्र
की थी उसे हम आने बाली पीढी़ तक पहुँचा पायेंगे। माना जाता है कि इस हत्या कांड में करीव
एक लाख पचास हजार लोगों का कत्ल कर दिया गया था। लोसेरभातोरे रोमानो ने बताया कि अरमेनिया
के राष्ट्रपति सेर्ज सर्किसियन ने अन्तर राष्ट्रीय समुदाय से निवेदन किया कि वे अरमेनिया
में हुए शहीदों को मान्यता दे। उन्होंने आगे कहा कि उनका उद्देश्य बदला लेना नहीं है
तुर्की के साथ संबंध में सुधार लाना है। ज्ञात हो कि तुर्की ने इसे जेनोसाईड या हत्या
कहे जाने पर आपत्ति जतायी है।