2008-04-21 10:40:17

अमरीका से विदा लेने से पूर्व संत पापा का केनेडी हवाईअड्डे में संदेश


उपराष्ट्रपति महोदय सम्मानित अधिकारियो और मेरे प्रिय भाईयो और बहनो,
अब समय आ गया है कि मैं आप सबों को अलविदा कहूँ। अमरीका छोड़ते हुए मैं यह बताना चाहता हूँ कि विगत पाँच दिनों तक आपने मुझे जो प्यार दिया है उससे मैं बहुत प्रभावित हुआ। आप के स्वागत, स्नेह, आत्मीयता और सम्मान ने मेरा दिल जीत लिया है। अमरीका के दौरे के दरमियान मैंने जिन नेताओं, प्रतिनिधियों, ख्रीस्तीय समुदायों और अन्य धर्म के प्रतिनिधियों से मुलाकात किया वह अनुभव मेरे लिये अद्वितीय रहा। आज मैं आप सबों को यह आश्वासन देना चाहता हूँ कि आप सबों का आदर और सम्मान करता हूँ ।

मैं राष्ट्रपति जोर्ज बुश को धन्यवाद देना चाहता हूँ जिन्होंनें व्यक्तिगत रूप से हवाईअड्डे में उपस्थित होकर मेरी आगवानी की औऱ उपराष्ट्रपति का भी धन्यवाद करता हूँ जो मेरी विदाई के लिये य़हाँ पर उपस्थित हैं। अमरीका छोड़ते हुए मैं उन सभी सरकारी अधिकारियों और स्वयंसेवकों को भी अपनी कृतज्ञता प्रकट करना चाहता हूँ जिन्होंने मेरी यात्रा को सफल बनाने में कोई भी कसर न छोड़ा। इस कार्यं की सफलता के पीछे वाशिंगटन के मेयर एड्रियन फेन्टी और न्यूयॉर्क के मेयर माईकेल ब्लूमबर्ग का निश्चय ही बहुत बड़ा हाथ रहा है। मैं उन्हें तहे दिल से धन्यवाद देता हूँ।
इस विदाई के अवसर पर मैं बाल्तीमोर के प्रतिनिधियों, न्यूयॉर्क, बॉस्टन फिलाडेलफिया और लुइसभिल के लोगों के लिये अपनी प्रार्थना चढ़ाना चाहता हूँ जो अपनी द्विशतकीय जुबिली मना रहे हैं ईश्वर उन्हें की आशिष आपको सदा मिलती रहे।मैं अपने सभी धर्माध्यक्ष भाईयों और अमरीका बिशपस् कॉन्फेरेन्स के सभी कार्यकर्ताओं को उनके उदारतापूर्ण सेवाओं के लिए धन्यवाद देना चाहूँगा जिनकी समर्पित सेवा से मेरी यात्रा के सभी कार्यक्रम सफल हो पाये हैं।

मेरे पुरोहित भाई धर्मसमाजी भाई-बहनों, डीकनस, सेमिनेरियनस, और युवक-युवकतियों तथा बच्चों और देश के सभी विश्वासियों को मैं प्रोत्साहन देना चाहूँगा कि वे अपने जीवन और भले कार्यों से लोगों को येसु की आशा का साक्ष्य देते रहें।
भाईयो और बहनों यहाँ पर मैं इस बात की भी चर्चा करना उचित समझता हूँ कि संयुक्त राष्ट्र संघ के जेनरल असेम्बली को सम्बोधित करने का सुअवसर को भी मैं सदा याद करूँगा। संयुक्त राष्ट्र संघ के सेक्रटरी जेनरल बान की मून को मैं विशेष धन्यवाद देता हूँ क्योंकि उन्हीं के आमंत्रण पर अमरीका की योजना को अन्तिम ऱूप दिया गया। मानवअधिकार की विश्व घोषणा के साठ साल पूरा होने के लिये मैं फिर एक बार संयुक्त राष्ट्र संघ को धन्यवाद देता हूँ जिनके अथक प्रयास से मौलिक अधिकारों की रक्षा के क्षेत्र में अनेक कदम उठाये गये हैं।आज मैं सबों को प्रोत्साहन देते हुए यह कहना चाहता हूँ कि आप जहाँ भी रहे न्याय और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के लिये सदा कार्य करते रहें।

ग्राउन्ड जीरो की मेरी यात्रा का अनुभव सदा मेरे मानस पटल पर बनी रहेगी।मैं विश्वास दिलाता हूँ कि मैं सदा उन लोगों के लिये प्रार्थना करता रहूँगा जिन्होंने इस हादसे में अपनी जान गवांयी या इसके कारण दुःख झेल रहे हैं।

मैं आज पूरी अमरीका और विश्व के सब लोगों से निवेदन करता हूँ कि आप आपसी सम्मान और भाईचारे की भावना में वृद्दि, आपसी समझदारी और स्वर्गीय पिता भगवान पर लोगों की अटूट आशा और विश्वास बढ़ें इसके लिये सदा प्रार्थना करते रहें।

और अब इन शब्दों के साथ कि आप लोगों से मेरे लिये प्रार्थना करते रहिये और मैं आप लोगों के लिये प्रार्थना करता रहूँगा। इतना कहकर मैं स्नेहमय साहचर्य के आश्वासन के साथ आप लोगों से विदा लेता हूँ। ईश्वर अमरीका को सदा अपनी आशिष प्रदान करे।











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