2018-06-26 16:29:00

मानवाधिकार के सम्मान हेतु अंतरराष्ट्रीय व्यापारसंघ के लिए कानून की मांग


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 26 जून 2018 (वाटिकन न्यूज़)˸ जेनेवा में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यावेक्षक महाधर्माध्यक्ष इवान युरकोविच ने 25 जून को, अंतरराष्ट्रीय व्यापार संघ एवं मानव अधिकार पर एक सभा में मानव अधिकार के 38वें सत्र को सम्बोधित किया।

परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यावेक्षक ने इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार संघ का कार्य नैतिक दृष्टिकोण से प्रेरित हो ताकि मानव गरिमा के संबंध में जीवन का एक उचित मानक महसूस किया जा सके, न कि केवल आर्थिक लाभ। व्यापार कार्य के संदर्भ में इसका अर्थ है समुदायों एवं उनके अधिकारों का पूर्ण सम्मान जिसे आमघर (पृथ्वी) की देखभाल से अलग नहीं किया जा सकता।

जब व्यापार एवं निवेश समझौते मानव अधिकार की सुरक्षा में उपायों और नीतियों को प्रतिबंधित नहीं भी करते हों किन्तु वे मानवाधिकार के दायित्व को पूरा करने के लिए किसी देश के विकल्पों को सीमित नहीं कर सकते।

आर्थिक स्वतंत्रता एवं मानव अधिकार दोनों पर अंतरराष्ट्रीय प्रकृति को ध्यान में रखकर वाटिकन प्रतिनिधि ने सरकारों का समर्थन करने के लिए एक मजबूत अंतर्राष्ट्रीय कानून के प्रचार की सलाह दी ताकि मानव अधिकार के हनन में तीसरे पक्ष को अवसर न मिल सके।

उन्होंने कहा कि कोरपोरेट की जिम्मेदारी है कि समाज के व्यापार क्षेत्र में मानव अधिकार का सम्मान हो, यही समाज की मौलिक आशा है। विगत कुछ वर्षों से पता चलता है कि कुछ व्यापार संघों द्वारा मानव अधिकारों का व्यवस्थित रूप से उलंघन हुआ है जिसके कारण जबरन विस्थापन, हिंसा, भूमि हथियाने, संसाधनों के दोहन तथा बीजों के एकाधिकार की समस्याओं को प्रोत्साहन मिला है। उन्होंने कहा कि इन सभी कारणों से भुखमरी तथा जीवन की न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी देखी जा रही है।

महाधर्माध्यक्ष यूरकोविच ने कहा कि चूँकि पृथ्वी की देखभाल हमारे समाज के जीने और विकसित होने के लिए आवश्यक है व्यापार और मानवाधिकारों अंतर्राष्ट्रीय कानूनी दल को अविश्वसनीय शोषण से पर्यावरण की रक्षा पर ध्यान देना चाहिए।








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