2018-06-14 11:49:00

वाटिकन वेधशाला के ग्रीष्मकालीन सत्र के प्रतिभागियों को सन्त पापा का सम्बोधन


वाटिकन सिटी, गुरुवार, 14 जून 2018 (रेई, वाटिकन रेडियो): "महासर्वेक्षणों के युग में तारों की परिवर्तनशीलता" विषय पर वाटिकन वेधशाला द्वारा आयोजित 16वें ग्रीष्मकालीन पाठ्यक्रम के प्रतिभागियों ने गुरुवार को सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना।

04 जून से 29 जून तक वाटिकन वेधशाला का उक्त ग्रीष्मकालीन पाठ्यक्रम जारी है जिसमें कई देशों के खगोल-विज्ञान एवं खगोल भौतिकी विद्धानों सहित 60 प्राध्यापक एवं छात्र भाग ले रहे हैं।

सन्त पापा फ्रांसिस ने अपने सन्देश में कहा, "जैसे जैसे इस विशाल ब्रह्मांड की हमारी समझ धीरे-धीरे बढ़ती है, वैसे वैसे हमें यह सीखने की आवश्यकता है कि हमें कितने अलग-अलग स्रोतों से प्राप्त जानकारी की बाढ़ का प्रबंधन करना है। संभवतः जिस तरह से आप प्राप्त आँकड़ों के प्रवाह का प्रबंधन करते हैं वह विश्व के उन सभी लोगों में आशा का संचार कर सकते हैं जो इंटरनेट और सोशल मीडिया की सूचना क्रांति से स्वतः को अभिभूत महसूस करते हैं!"

उन्होंने कहा कि इतने अधिक स्रोतों एवं सूचनाओं के अम्बार के बीच चाहे हम वैज्ञानिक हों या विश्वासी यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि ब्रहमाण्ड में बहुत कुछ ऐसा है जिसके बारे में हम नहीं जानते हैं क्योंकि केवल ऐसा कर ही हम और अधिक जानने का प्रयास करेंगे।

सन्त पापा ने कहा कि ब्रहमाण्ड पर ज्ञान पाने का एक दूसरा साधन है जिसमें कोई मापदण्ड नहीं होता और वह है विश्वास की दृष्टि से ब्रहमाण्ड को देखना। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक तौर पर और विश्वास के स्तर पर प्राप्त ज्ञान के बीच समन्वय ही यथार्थ ज्ञान एवं यथार्थ प्रज्ञा तक ले जाता है।

इताली कवि दान्ते को उद्धृत कर सन्त पापा ने कहा कि दान्ते ने लिखा था कि सूर्य एवं तारों को गतिशील बनानेवाला प्रेम ही है। उन्होंने कहा, "मेरी आशा है कि आपके कार्य भी सत्य के प्रति प्रेम, सृष्टि के प्रति प्रेम तथा आप लोगों के बीच विविधता में एकता के प्रति प्रेम से आगे बढ़ें।"








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