2018-06-01 16:37:00

कलीसिया में प्रेरिताई हेतु हमारा नवीकरण


वाटिकन रेडियो, बुधवार, 01 जून 2018 (रेई) संत पापा फ्रांसिस ने परमधर्मापीठीय प्रेरितिक कार्यों हेतु गठित धर्मसंघों के प्रतिभागियों से वाटिकन के क्लेमेंटीना सभागार में मुलाकात करते हुए उन्हें प्रेरितिक कार्य हेतु अपने समर्पण को नवीकृत करने का संदेश दिया।

उन्होंने कहा कि हम सन् 2019 के अक्टूबर महीने में होने वाली एक अतिविशिष्ट प्रेरिताई की तैयारी में संलग्न हैं जिसकी घोषणा मैंने विगत साल विश्व प्रेरितिक दिवस के अवसर पर की थी। यह सम्पूर्ण कलीसिया में प्रेरिताई कार्यों के प्रति हमारे समर्पण के नवीनीकरण हेतु एक अवसर प्रदान करता है।

संत पापा ने कहा कि आप प्रेरितिक कार्य के प्रति मेरे मनोभावों से वाकिफ हैं जो भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु केवल वित्तीय सहायता प्रदान करना मात्र नहीं है जैसे कि दूसरे संघ करते हैं। हमारे संस्थापकों ने निश्चित रुप से धर्मसमाजों की स्थापना करते हुए इस बात पर जोर नहीं दिया और न ही संत पापा पियुस 11वें ने, जब उन्होंने संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी की सहायता हेतु परमधर्मपीठ समाजों के संस्थान का गठन किया। यही कारण है कि मैं संत पापा बेनेदिक्त 16वें के प्रेरितिक उद्बोधन मैक्सिमुस इलुदः प्रेरितिक कार्य में सुसमाचार का महत्व, के आधार पर कलीसिया में प्रेरितिक कार्य के प्रति हमारे समर्पण को नवीकृत करने का आहृवान करता हूँ।

संत पापा ने कहा कि यह हमें आध्यात्मिक रुप से जुड़े रहते हुए एक-दूसरे की सहायता करने में मददगार सिद्ध होगा। यदि हमारा नवीनीकरण सच्चा, सृजनात्मक और प्रभावकारी है तो यह हमें सुसमाचार की मांग  अनुसार अपने जीवन को व्यवस्थित और संचालित करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि इसका अर्थ अपने कार्यों को और भी अच्छी तरीके से करने हेतु प्रेरणा पर विचार करना केवल नहीं है। “यह हमें पवित्र और आध्यात्मिक रुप में सृजनात्मक होने का निमंत्रण देता है। यह पुराना को नया बनाना केवन नहीं है बल्कि पवित्र आत्मा द्वारा नवीनता हेतु संचालित होना है जो सभी चीजों को नया बनाता है।” संत पापा ने कहा कि क्रूसित और पुनर्जीवित प्रभु की ओर से आने वाली नवीनता से हम न डरें। हम अपने प्रेरिताई में सहासी और निडर बने रहते हुए कलीसिया में पवित्र आत्मा से संयुक्त रहें।

विशिष्ट प्रेरितिक महीने में अपने को सुसमाचार के अनुसार सुदृढ़ करने का अर्थ क्या हैॽ संत पापा ने कहा मैं सोचता हूँ कि यह हममें विशेष प्रेरितिक कार्य हेतु अपने में परिवर्तन लाना है। हमें अपने को येसु ख्रीस्त के प्रेरितिक कार्यों से प्रेरित होने की जरुरत है जिससे प्रेरिताई की अखंडता, जागरूकता और जिम्मेदारी एक बार फिर जन सामान्य लोगों के जीवन का हिस्सा बन सके। यह हम से सम्पूर्ण जीवन के प्रशिक्षण की मांग करता है जहाँ हम अपने मन दिल और शरीर को येसु ख्रीस्त के प्रेम से सराबोर पाते, जिसके फलस्वरूप हम उन्हें अपने जीवन में घोषित करने हेतु जुनूनी बन जाते हैं।

“विश्व में ईश्वर की कलीसिया स्वरूप, दीक्षित और प्रेषित”

संत पापा फ्रांसिस ने कहा कि यह प्रेरितिक माह सन् 2019 की विषय-वस्तु “विश्व में ईश्वर की कलीसिया स्वरूप, दीक्षित और प्रेषित” है। यह इस बात पर बल देता है कि हम अपने बपतिस्मा के कृपादानों में सुदृढ़ बने और सभी बपतिस्मा प्राप्त लोगों को संबोधित करें। हमारा “भेजा जाना” भेजे जाने वाले और संदेश ग्रहण करने वाले दोनों के जीवन में परिवर्तन लाना है क्योंकि येसु ख्रीस्त में हमारा जीवन स्वयं एक प्रेरिताई है। हम प्रेरिताई हैं क्योंकि ईश्वर ने हमारे जीवन को प्रेम से भर दिया है जो हमें उनके प्रतिरुप बनाता है। हमारी प्रेरिताई इस भांति हमें अपनी पवित्रता में बढ़ने का आहृवान करती है जिससे हम विश्व को और सृष्टि को पवित्र कर सकें। हमारे प्रेरितिक जीवन का आयाम बपतिस्मा इस प्रकार पवित्रता का साक्ष्य बनता है जो जीवन का संचार करते हुए विश्व को सुन्दर बनता है।

संत पापा फ्रांसिस ने कहा कि परमधर्मपीठय प्रेरितिक समाजों के नवीकरण का अर्थ इस भांति हृदय में अपने समर्पण को गम्भीरता और साहसपूर्वक धारण करना है जो कलीसिया, परिवार समुदाय और हममें से प्रत्येक जन की पवित्रता है। उन्होंने कहा कि मैं आप सबों से आग्रह करता हूँ कि आप परमधर्मपीठीय प्रेरितिक समाजों की प्रकृति और उत्तरदायित्वों का नवीनीकरण सच्ची सृजनात्मकता के साथ करें जिससे शिष्यों के रुप में अपने प्रेरितिक बुलाहट को पवित्रता के साथ जी सकें। संसार की मुक्ति हेतु हमें इसे प्रेम करने की जरुरत है और अपने जीवन को येसु ख्रीस्त की सेवा हेतु निछावर करना है। हमारे पास कोई ऐसी वस्तु नहीं है जिसे हम बेच सकें, वरन् यह हमारा जीवन है, ईश्वर का प्रेम, करूणामय और पवित्रता का जीवन जिसे हमें प्रसारित करना है।

अक्टूबर सन् 2019 में अमाजोन धर्मसभा के लिए विशिष्ट प्रेरितिक माह मनाई जायेगी। विभिन्न समुदायों के द्वारा किये गये निवेदन के अनुरूप मैं आप से आग्रह करता हूँ कि आप दक्षिण अमेरिका हेतु प्रार्थना करें जो कि कई मुख्य कलीसियाओं का निवास स्थल है, जो सुसमाचार प्रचार हेतु कई तरह से चुनौतियों का सामना कर रहा है। इस महादेश की परिस्थिति हमें विश्वासियों की सेवा हेतु अपने समर्पण को नवीन बनाने में मदद करे। हम अमाजोन आगामी धर्मसभा हेतु प्रार्थना करें जिससे हम सुसमाचार प्रचार के प्रेरितिक कार्य में सफल हो सकें जहाँ अन्याय की परिस्थिति में ईश्वरीय मुक्ति की जरूरत बहुत अधिक है।








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