2018-05-30 17:20:00

दक्षिण कोरिया में नये प्रेरितिक राजदूत का आगमन


बैंकॉक, बुधवार 30 मई 2018 (वीआर न्यूज) : दक्षिण कोरिया में नये प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष जुएरेब ने दक्षिण कोरियाई प्रायद्वीप पर शांति और सुलह के लिए संत पापा फ्राँसिस के समर्थन और शुभकामनाओं को व्यक्त किया और देश के काथलिकों एवं याजकों और परमधर्मपीठ के साथ एकता को आगे बढ़ाने का वचन दिया।

दक्षिण कोरिया और मंगोलिया में परमधर्मपीठ के नये प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष अल्फ्रेड जुएरेब, दक्षिण कोरिया में अपने राजनयिक मिशन की शुरुआत हेतु 27 मई को सियोल पहुंचे।

कोरियाई धर्माध्यक्षों और कोरिया के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीबीसीके) के प्रतिनिधियों ने उन्हें इचियन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्वागत किया जहां उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।

कलीसिया के प्रति प्रतिबद्धता

उन्होंने कहा, "राजदूत की मुख्य भूमिका,स्थानीय कलीसिया के विश्वासियों और पुरोहितों की मदद करना है। मैं जितनी जल्दी हो सके कोरिया में धर्माध्यक्षों से मिलूंगा और उनकी बातें सुनुँगा।"

माल्टीज़ महाधर्माध्यक्ष ने कहा, "मैं परमधर्मपीठ और कोरियाई कलीसिया को और अधिक निकटता से एकीकृत करने के लिए भी काम करूंगा।"

उन्होंने कहा कि गुरुवार को वाटिकन में संत पापा फ्राँसिस के साथ एक विदाई युखारीस्तीय समारोह के दौरान, संत पापा कोरियाई धर्माध्यक्षों और विश्वासियों को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद भेजते हैं।

कोरियाई शांति और सुलह

उन्होंने कहा कि संत पापा कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं और इस बात की बहुत उम्मीद है कि पनमुंजम के ट्रूस गांव में 27 अप्रैल के शिखर सम्मेलन के साथ शुरू हुई शांति और सुलह वार्ता जारी रहेगी और सफल रहेगी ताकि आने वाली पीढ़ियों का एक शांतिपूर्ण और समृद्ध भविष्य हो सके।

रविवार के प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान 59 वर्षीय महाधर्माध्यक्ष ने कहा, "संत पापा ने मुझसे कहा कि 'कृपया कोरियाई लोगों और धर्माध्यक्षों को आश्वस्त करें कि वे अपनी प्रार्थना जारी रखेंगे जिससे कि भविष्य की पीढ़ियों के पास स्थिरता और समृद्धि का आने वाला कल होगा।"

उन्होंने कहा, "दक्षिण कोरिया में संत पापा के प्रतिनिधि के रूप में, मैं कोरिया में अधिकारियों को उनके विचारों और शुभकामनाओं से वाकिफ कराता रहुँगा।"

सन् 2000 से वाटिकन में, महाधर्माध्यक्ष जुएरेब ने संत पापा जॉन पॉल द्वितीय, संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें और संत पापा फ्राँसिस की सेवा की है। 26 फरवरी को, संत पापा फ्राँसिस ने उन्हें दक्षिण कोरिया और मंगोलिया में प्रेरितिक राजदूत नियुक्त किया।








All the contents on this site are copyrighted ©.