2018-05-25 16:59:00

कार्डिनल ग्रेसियस ने ख्रीस्तीयों की समस्या पर केंद्रीय गृह मंत्री से बात की


भारत, शुक्रवार, 25 मई 2018 (रेई)˸ भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेसियस ने 24 मई को भारत के केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर, उन्हें भारत के ख्रीस्तीय समुदाय पर बढ़ रही चिंता से अवगत कराया।

एशियान्यूज से मिली जानकारी के अनुसार इस मुलाकात को सौहार्दपूर्ण बतलाया गया है। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब देश में 2019 के चुनाव को लेकर तैयारियाँ चल रही हैं। कार्डिनल का केंद्रीय गृहमंत्री के साथ मुलाकात का एक बड़ा कारण है दिल्ली के महाधर्माध्यक्ष अनिल कुटो के पत्र पर विवाद भी है, जिन्होंने वॉट के लिए काथलिकों को प्रार्थना एवं उपवास करने का निमंत्रण दिया था।

8 मई को लिखे प्रेरित पत्र में महाधर्माध्यक्ष ने कहा था कि देश की राजनीतिक स्थिति अशांत है जो हमारे संविधान और हमारे देश के धर्मनिरपेक्ष संरचना में निहित लोकतांत्रिक सिद्धांतों के लिए खतरा खड़ा कर सकता है। इस पत्र एवं महाधर्माध्यक्ष के पद ने भारतीय जनता पार्टियों के सदस्यों में आक्रेश उत्पन्न किया। पार्टी ने महाधर्माध्यक्ष के पत्र को "राजनीतिक रूप से प्रेरित" परिभाषित किया तथा उनसे अपील की कि वे जाति और समुदाय को उत्तेजित करने से बचें।

राजनाथ सिंह ने कुछ दिनों पहले पत्रकारों को बतलाया था कि देश में असहिष्णुता नहीं है एवं सभी अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं, हालांकि कार्डिनल की चिंता को दो दिनों पूर्व गोवा में एक ईसाई धार्मिक प्रतीक के अपमान द्वारा पुष्टि मिलती प्रतीत होती है।

धार्मिक स्वतंत्रता पर भय की निंदा करने में सरकार की असफलता काथलिकों के लिए चिंता का विषय है।

उधर भारत की काथलिक कलीसिया के सबसे बड़े संगठन, ऑल इंडिया काथलिक यूनियन ने (AICU), दिल्ली के महाधर्माध्यक्ष के प्रयास का समर्थन करते हुए उनके प्रति अपनी एकात्मता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि "उनके साहस और उनकी आध्यात्मिक शक्ति ने उन्हें दलित एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति बढ़ती हिंसा की ओर ध्यान खींचने हेतु प्रेरित किया।" उन्होंने कहा कि सरकार पूजा एवं विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के भय की निंदा करने में अनिच्छा प्रकट करती है जो चिंता का विषय है। कई राज्यों में दलितों को जान से मार डाला जा रहा है। काथलिक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली सरकार ने स्वीकार किया है कि वर्ष 2017 में 822 हिंसक घटनाओं में 111 लोगों को मार डाले जा चुके हैं।

ऑल इंडिया काथलिक यूनियन ने इस बात पर जोर दिया है कि गरीबों की पीड़ा अनदेखी नहीं की जा सकती तथा उन्होंने सभी धर्माध्यक्षों से अपील की है कि वे देश भर के लिए उसी तरह की प्रार्थना का आह्वान करें। उनकी आशा है कि काथलिकों के साथ अन्य सभी धर्मों के नेता भी इस प्रार्थना में भाग लेंगे।








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